झाबुआ आजतक डेस्क ॥ देमारा गांव मे मिले मृत ओर घायल गोवंश से भडके संगठनो ओर मेघनगर वासियों के द्वारा आज मेघनगर बंद का आवहृन किया गया है साथ ही साथ गोवंश की हत्या ओर अवैध परिवहन को लेकर थाने पर प्रदर्शन भी प्रस्तावित है आज सुबह से ही मेघनगर बंद आयोजित किया गया है ।
यह भी है कडवी हकीकत–झाबुआ जिला गुजरात से सटा हुआ है अफसोस की बात यह है कि जो नरेंद्र मोदी गुलाबी क्रांति के बहाने गोवंश की रक्षा का चुनावी वादा कर रहे थे उन्हीं के मूल राज्य गुजरात मे गोवंश को काटने के लिऐ ले जाया जाता है देमारा मे पकड़ा गया गोवंश भी वही जा रहा था । ओर गुजरात से आने वाली मेमू ओर डेमू को कभी भी चेक कर लिया जाये क्विंटलों गोमांस बरामद हो जायेगा ओर साथ ही निजी वाहनो से गोमांस दाहोद ओर गोधरा से हजारो टन प्रतिदिन आ रहा है यानी गोवंश जिंदा भेजा जाता है ओर उनका मांस फिर से झाबुआ-रतलाम को आता है दाहोद मे तो बकायदा गायो को मारने की मंडी है ।
यह करती है हमारी पुलिस ओर यहाँ से गुजरता है गोवंश–इसे विडम्बना ही कहेगे कि जिस पुलिस को इस अवैध गोवंश के परिवहन को रोकना चाहिए वह ऐसा नही करती बल्कि हर टृक से वसूली कर लेती है बदनावर से चलकर सारंगी-थांदला-काकनवानी होते हुऐ बडी खेप गुजरात जाती है वही रतलाम से चलकर बामनिया-थांदला-मेघनगर होते हुऐ भी गुजरात गोवंश जाता है वही झाबुआ-राणापुर होकर भी बडी तादाद मे गोवंश परिवहन होता है हालात यह है कि जहाँ गोवंश परिवहन अधिक होता है वहाँ पोस्टिंग के लिऐ पुलिसकर्मी सिफारिश तक करवाते है ।
सरकार भी गंभीर नहीं है —अब तो केंद्र से लेकर राज्य तक भाजपा की सरकार है लेकिन अभी तक ऐसा कोई कानून नही बनाया गया है जिससे गोवंश के परिवहन पर ठोस नियंत्रण लगें । अफसोस की बात यह है कि शिवराज कैबिनेट मे अभी तक वह कानून पारित नही किया जा सका है जिसमें गोंवशीय पशुओं के परिवहन करने वालों को राजसात करने का प्रावधान हो । खबर है कि यह कानूनी प्रस्ताव भोपाल के सरकारी मंत्रालय मे धूल फांक रहा है शिवराज सरकार 8 साल से इस कानूनी प्रस्ताव को कैबिनेट मे लाने को तैयार नही है । ऐसे मे नियत पर सवाल तो खडे होंगे ही । भाजपा शाशित एमपी से गोंवश गुजरात जाना ओर नरेंद्र मोदी द्वारा शाशित रहे गुजरात से गोमांस आना शायद कथित ” गोमाता” प्रेम ही कहा जायेगा ।