यूपीएससी और कॉम्पिटिशन एक्जाम के लिए बच्चे ज्ञान बढ़ाए : जैन

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
यूपीएससी, एमपीपीएससी, एसएससी और बैंकिग की तैयारियों के लिए बच्चों को मानसिकता शुरूआत से बनाना होगी। हम देखते है बिहार क्षेत्र से अधिकांश आईपीएस और आईएएस आते है क्योंकि वहां कक्षा 8वीं से छात्रों रूचि अनुसार उन्हे बड़ी परीक्षाओं की तैयारियां करवाई जाती है। यह बात हमें भी ध्यान में रखते हुए,भविष्य की पढ़ाई को लेकर अभी से तैयारी करना होगी। उक्त बात वासूपूज्य स्वामी फाउंडेशन के डॉ हंस कुमार जैन एमएससी साइंस पीएचडी ने गुगल क्लासेस द्वारा आयोजित सेमिनार में कहीं।
किताबी ज्ञान सब कुछ नहीं-
जैन ने परीक्षाओं की तैयारियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां देते हुए कहा की आज के युग में केवल किताबी ज्ञान ही नहीं वरन हमें हमारे आसपास हो रही घटनाओं की जानकारी रखना भी जरूरी है, जिसके लिए समाचार पत्र वाचन, मेगजीन पढऩा और टीवी का उपयोग नॉलेज बढ़ाने के लिए किया जाए तभी हम परीक्षाओं में सफल हो सकते है, किताबी ज्ञान से ज्यादा बडी परीक्षाओं के लिए सामान्य ज्ञान का होना जरूरी हो गया है।
7 लाख में से 700 का चयन- जैन ने बच्चों के साथ अपने अनुभव बांटते हुए कहा ही संघ लोकसेवा और लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में 7 लाख से अधिक विद्यार्थि बैठते है और उनमें से मात्र 700 का चयन होता है जिसके लिए छात्रों को परिश्रम के साथ एकाग्रता की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही बच्चों को वाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल साइट से दूर रहना चाहिए। इसमें हम केवल हमारा समय बर्बाद करते है। इस अवसर पर गुगल क्लासेस के संचालक आभास सोलंकी ने स्वागत भाषण देते हुए बताया की वासुपूज्य संस्था की स्थापना सामाजिक विकास की अवधारणा को दृष्टिगत रखते हुए की गई है। इस संस्था के पदाधिकारियों ने आज हमें पेटलावद में आकर जो जानकारी प्रदान की है उसके लिए हम हमेशा आभारी रहेंगे। आयोजित सेमीनार का उद्देश्य है कि बच्चों को मानसिक रूप से तैयार किए जाए तथा उनकी रुचि अनुसार आगे की पढ़ाई पर ध्यान दिया जाए. सेमीनार में कक्षा 10वीं के सैकड़ों छात्र छात्राएं उपस्थित थे। संस्था द्वारा विद्यार्थियों का शैक्षणिक सत्र भी चलाया जाता है, जिसका शुभारंभ 15 जनवरी से होने जा रहा है। सत्र के दौरान विद्यार्थियों को नियमित रूप से शैक्षणिक सामग्री ईमेल और पत्राचार के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। पूरे शैक्षणिक सत्र के दौरान 4 प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी। सेमिनार के बाद बच्चों ने बताया की इस सेमिनार से हमें कई महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में पता चला।

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