पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के लिए सारी योजनाएं, मोदी किसान विरोधी : प्रेमसिंह चौधरी

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img-20170107-wa0107 झाबुआ लाइव के लिए खवासा से अर्पित चोपड़ा की रिपोर्ट-
ग्राम के किसानों को साथ लेकर आम आदमी पार्टी द्वारा एक रैली निकाली गई जिसमें नारेबाजी करते हुए पूरे ग्राम का भ्रमण करती हुई स्थानीय पुलिस चौकी पर पहुंची जहां महामहिम राष्ट्रपति के नाम राजस्व निरीक्षक को ज्ञापन पटवारी गोपाल चौहान एवं खवासा चौकी प्रभारी भागीरथ बघेल की उपस्थिति में सौंपा गया। आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक एवं कृषक प्रेमसिंह चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को भ्रष्टाचार और काले धन पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी का फैसला लिया गया। सभी वर्ग के साथ किसान वर्ग भी इस कठिन फैसले पर देश के साथ खड़ा रहा। प्रधानमंत्री के उक्त फैसले के कारण किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाया। नोटबंदी के बाद देश के नाम दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के सहयोग को भूलाते हुए देश के किसानों को राहत देने वाली कोई घोषणा नहीं की। चौधरी ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री मोदी की अधिकांश योजनाएं पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के लिए बनाई गई है जबकि भारत कृषि प्रधान देश है और पूरे भारत में 80 फीसदी किसान है परंतु मोदी ने आज तक किसी भी योजना में किसान तथा गरीब तबके के वर्ग को शामिल नही किया जो मोदी के किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाती है। इसी के विरोध में आम आदमी पार्टी द्वारा उक्त ज्ञापन सौंपा गया।
यह है ज्ञापन के मुख्य बिंदु-
– कपास उत्पादन व अन्य किसान यदि कृषि उपज बेचकर या मजदूरी की राशि का चेक मिलता है तो बैंक उसे ऋण खातों में जमा नही करेगा ऐसा नियम भारत सरकार द्वारा तत्काल बनाया जाए।
– पेट्रोल, डीजल, खाद, बीज, कृषि दवाई, लाइट, पशु औषधि, मनुष्य के इलाज, शिक्षा, बस व रेल भाड़ा, कपड़ा, जूते, मोटर-स्टाटर, ट्रैक्टर व कृषि उपकरण भी महंगे हो गए है, सिर्फ कृषि उपज ही सस्ती है यह बड़ा अन्याय पूर्ण कार्य हुआ है इसका मुआवजा कृषकों को तत्काल प्रदान किया जाए व क्षेत्र में मजदूरी कार्य शुरू करवाए जाए।
-भारत सरकार की अर्थव्यवस्था पहले ही कमजोरी थी परंतु मोदी सरकार ने कृषि उपज, आलू, दाल, चना, सोयाबीन, डीओसी को आयात किया गया, दुर्भाग्य पूर्ण यह रहा ही गेहूं का आयात शुल्क माफ कर दिया जो बड़ा अनैतिकक कदम रहा। देश का किसान खत्म हो जाएगा, क्या प्रधानमंत्री विदेशों से किसानों का आयात करेंगे? आत्महत्या करने के लिए छोड़ देंगे भारतीय कृषकों के ऊपर प्रधानमंत्री को भरोसा नही है या प्रधानमंत्री कृषि व कृषको को खत्म कर उनकी जमीन उद्योगपतियों को देना चाहते है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भष्टाचार का अड्डा है, बहुराष्ट्रीय कंपनियां नोडल एजेंसी है, इन्हें हटाकर भारत सरकार को नोडल एजेंसी बनाया जाए।
– प्रधानमंत्री ने प्रसव हेतु छह हजार रुपए महिलाओं के खाते में सीधे डालने की घोषणा की है लेकिन दो प्रसव तक ही योजना का लाभ दिया जाए। दो प्रसव के बाद शासन अगर पैसा देता है स्वच्छता अभियान, नमामि गंगे, नमामि नर्मदे सारे कार्य ढकोसले साबित होंगे, सीधे सीधे लाभ दो संतान पर ही दिया जाए।
– भारत के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री अपना अमूल्य समय कार्यालय को भी दे तथा व्यर्थ यात्राओं से बचे जिससे शासन की बड़ी बचत होंगी और जनता की परेशानियों को समझने का अवसर भी मिलेगा अगर कार्यालय में बैठे?
-सभी कृषि उत्पादन जैसे हरी सब्जी-फलों, दालो का परिवहन रेलवे द्वारा अनिवार्य रूप से किया जाए। इस हेतु ग्रीन एक्सप्रेस के नाम से मालगाडिय़ां बड़ी बडी मंडियों तक आपस में चलाई जाए।
यह रहे उपस्थित-
आप जिला संयोजक प्रेमसिंह चौधरी, राजू लोहार, विजय मेलावात, जालु भाई, मनसुख भाई, राकेश वागरेचा, कलसिंह भूरिया, अभय चोपड़ा आदि उपस्थित थे। ज्ञापन का वाचन रवि रावत द्वारा किया गया।

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