झाबुआ, एजेंसीः राज्य शासन के निर्देशानुसार स्वामी विवेकानंद जयंती युवा दिवस के अवसर पर 12 जनवरी को जिले की सभी शैक्षणिक संस्थाओं में सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
रेडियों पर आकाशवाणी से सूर्य नमस्कार करने के लिए निर्देश प्राप्त होगे। प्राप्त निर्देशों के अनुसार ही शैक्षणिक संस्थाओं में विद्यार्थियों एवं उपस्थित अधिकारियों जनप्रतिनिधियों द्वारा सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम किया जाएगा। सूर्य नमस्कार के संबंध में बैठक विगत 5 जनवरी को कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थाए करने के लिए निर्देशित किया। बैठक में मुख्य कार्य पालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस. सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे।
क्या है सूर्य नमस्कार:
सूर्य नमस्कार भारतीय योग परंपरा का अभिन्न अंग हैं यह विभिन्न आसन मुद्रा और प्राणायाम का वह समन्वय है जिससे शरीर के सभी अंगों उपांगो का पूर्ण व्यायाम होता है।
सूर्य नमस्कार बारह स्थितियों से मिलकर बना है। सूर्य नमस्कार के एक पूर्ण चक्र में 12 स्थितियों को क्रम से दोहराया जाता है। सूर्य नमस्कार नामक यह आयाम 7 आसनों का समुच्चय है।
पहला आसनः प्रार्थना की मुद्रा, प्रार्थना मुद्रा एकाग्र एवं शांत अवस्था लाता है तथा रक्त संचार को सामान्य करता है।
दूसरा आसनः हस्त उत्तानासन यह आसन उदर की अतिरिक्त चर्बी को हटाता है और पाचन को सुधारता है। इससे फेफडे पुश्ट होते है, भुजाओं और कंधो की मांसपेशियों का व्यायाम होता है।
तीसरा आसनः पदहस्तासन,यह आसन पेट व आमाशय के दोशों को दूर करता है। कब्ज को हटाने में सहायक है। रीढ को लचीला बनाता है एवं रक्त संचार में तेजी लाता है। रीढ के स्नायुओं के दबाव को सामान्य बनाता है।
चौथा आसनः अश्व संचालनालय उदर के अंगों की मालिश कर कार्य प्रणाली को सुधारता है। पेरो की मांसपेशियों को शक्ति मिलती है।
पांचवा आसनः पर्वतासन भुजाओं एवं पैरो के स्नायुयों एवं मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करता है। मस्तिश्क को क्रियाशील बनाता है।
छठवा आसनः अश्टांग नमस्कार यह आसन पेैरो और भुजाओं की मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करने के साथ ही सीने को विकसित करता है।
सातवां आसनः भुजंगासन यह आसन पेट संबंधी रोगो को ठीक करने में उपयोगी है साथ ही रीढ के प्रमुख स्नायुओं को नयी शक्ति मिलती है। दमा, ब्रोन्काइटिस इत्यादि रोगो को दूर करने में भी उपयोगी होता है।
सूर्य नमस्कार में बारह स्थितियॉ होती है। शेष पांच स्थितियां क्रमशः पर्वतासन,अश्व संचालनासन, पाद हस्तासन, हस्त उत्तानासन एवं प्रार्थना की मुद्रा आसन का दोहराव है।
सूर्य नमस्कार के साथ ही प्रणायम भी करवाया जाएगा।
- अनुलोम-विलोम प्राणायाम
- मस्त्रिका प्राणायाम एवं
- भ्रमरी प्राणायाम
जिला स्तर पर उत्कृष्ट विद्यालय में होगा सूर्य नमस्कार:
जिला स्तर पर शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय झाबुआ में सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में अधिकारी एवं विद्यार्थियों द्वारा सूर्य नमस्कार एवं प्रणायाम किया जाएगा।
ये रहेगा कार्यक्रम:
सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के लिए 12 जनवरी 2015 को प्रातः 11 बजे से एकत्रीकरण तथा उद्घोषक द्वारा संपूर्ण कार्यक्रम की भूमिका का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। राष्ट्रीयगीत -वन्देमात्रम का सामूहिक गायन म.प्र. गान गायन प्रातः 11.20 बजे होगा। मुख्यमंत्रीजी का संदेश प्रातः 11.30 बजे, प्रसारित होगा। सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम प्रातः11.45 बजे से प्रांरभ होगा एवं 12.30 बजे तक चलेगा।