मामाजी विद्रोह करते थे, अन्याय के खिलाफ लड़ते थे  : शरद यादव

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- मामाजी की समाधि स्थल पुष्पमाला चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित करते शरद यादव

– मामाजी की समाधि स्थल पुष्पमाला चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित करते शरद यादव

- बामनिया में श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते शरद यादव
– बामनिया में श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते शरद यादव
-बामनिया में मामाजी के समाधि स्थल पर धूप ध्यान कर श्रद्धांजलि देते श्रद्धालु
-बामनिया में मामाजी के समाधि स्थल पर धूप ध्यान कर श्रद्धांजलि देते श्रद्धालु

झाबुआ लाइव के लिए बामनिया से लोकेंद्र चाणोदिया की रिपोर्ट-
मामा बालेश्वर दयाल की 18वीं पुण्यतिथि भील आश्रम बामनिया पर मामाजी के अनुयायियों के साथ समाजवादी नेताओं का जमावड़ा लगा. जिसमें जदयू के राष्ट्रीय नेता व राज्यसभा शरद यादव भी श्रद्धांजलि देने बामनिया मामाजी आश्रम पहुंचे। श्रद्धांजलि सभा में श्रद्धांजलि की जगह राजनीति कुछ ज्यादा नजर आई। शरद यादव के भाषण के पूर्व ही अपने आप को मामाजी की पौत्री बताने वाली प्राची दीक्षित मंच पर पहुंच गई और हंगामा शुरू कर दिया और कहने लगे की आप मामाजी के नाम पर राजनीति न करे आप मुझे यह बताएं कि मामाजी के आने वाले भक्तों के लिए आप क्या व्यवस्था करते है। वर्ष में एक बार आकर क्यो रस्म आदयगी करते है? जिस पर शरद यादव ने कहा कि बैठकर बात करते है, फिर भी नहीं मानने पर कार्यकर्ता और पुलिस बल ने सख्ती से प्राची दीक्षित को मंच से खदेड़ा।
शरद यादव ने भी मंच से संबोधित करते हुए कहा कि चारों तरफ हाहाकर मचा हुआ है। आपको लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है। नोट बदलना था, लेकिन नोटबंदी कर दी। बैंकों को घाटा हो रहा था, उसका खामियाजा आम जनता भुगतना पड़ा। साढ़े आठ लाख करोड़ रूपया बैंकों की घाटापूर्ति के लिए जमा करवा लिया। मोदीजी कहते है कि पैसे वाला नींद की गोली लेकर सो रहा है। आम आदमी मस्त है लेकिन हकीकत तो यह है हर आम आदमी और हम सब त्रस्त है, कोई पैसे वाला लाइन में खड़ा नजर नहीं आया। हम जैसे छोटे लोग 1000 व 500 के लिए लाइन में खड़े हुए। नोटबंदी के चलते कई शादीयां नहीं हो पाई, घरों में माताम सा छा गया। चाय पीकर शादियां करना पड़ी। मैंने यहां आकर सुना कि मनरेगा के नाम पर बईमानी और लूट मची है। हमें जिस प्रकार मामाजी विद्रोह करते थे, अन्याय के खिलाफ लड़ते थे। उसी प्रकार हमे भी विद्रोह करना है। मामाजी कभी किसी मंदिर, मस्जिद नहीं गए, वह हमेशा गरीब की झोपड़ी में गरीब के उत्थान के लिए रहे। हम मामाजी को सच्ची श्रद्धांजलि तभी दे पाएंगे जब हम मामाजी को जीतवाएंगे। मामाजी कहते थे जब तक धन और धरती बटेगी तब तक इंसान बटेगा। इंसान शांत नहीं रहेगा।
शरद यादव खड़ा है, यहीं जिंदा गाड़ दूंगा
अभी यहां एक लडक़ी को मंच पैसा देकर इन भाजपा वालों ने या कांग्रेस वालों ने भेज दिया। मामाजी का कोई रिश्तेदार नहीं था, मामाजी तो फकीर आदमी थे। मामजी के रिश्तेदार तो हम और आप है फिर यह लडक़ी कहां से आई, उन्हें यह नहीं मालूम यहां शरद यादव अभी खड़ा है यही जिंदा गाड़ दूंगा। यह विरोधी पार्टियां मामाजी के भक्तों को भडक़ना चाहती है। इसलिए यहां इस लडक़ी को भेज दिया। यह जाकर अपनी शादी कर घर क्यो नहीं बसाती। स्थानीय इकाई इसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराए और गिरफ्तार कराए। उन्होंनेे प्रशासन को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस प्रकार की सभाओं में होने वाली धमाल पर गंभीरता से ध्यान दे। मंच पर जदयू की प्रदेश अध्यब सरोज नायक बच्चन, राजस्थान जदयू अध्यक्ष रामनिवास यादव, बासवाड़ा जिलाध्यक्ष मालतीदेवी, पूर्व विधायक फतेसिंह डामर, तौलसिंह भूरिया, विजय हारी, भेरूसिंह डामर, सत्यनारायण शर्मा, कमलेश पालरेचा आदि उपस्थित थे। सभा का संचालन ने हरिओम सूर्यवंशी ने किया।
मीडिया से हुए रूबरू-
सवाल- नोटबंदी पर आपका क्या कहना है ?
शरद यादव- दिसंबर को नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने वाले है। इसे लेकर हम 16 ही दल एकजुट होकर विचार विमर्श कर विरोध करेंगे।
सवाल- मूलायमसिंह ने एलान किया है कि यूपी चुनाव में हम किसी से गठबंधन नहीं करेंगे?
शरद यादव- अगर यह मामला है तो 5 दिसंबर को मुझे और देवगोड़ा को बात करने बुलाया था, आगे उन्हें निर्णय लेन है, वह बड़ी पार्टी है.
सवाल- नोटबंदी का नीतीशकुमार समर्थन कर रहे हैं और आप विरोध कर रहे हैं ?
शरद यादव- हम नोटबंदी का विरोध नहीं कर रहे है हम उससे होने वाली परेशानी के विरोध में है जब नोट बदलना थे तो नोटबंदी क्यो की गई और नोटबंदी तो घाटे में चल रही बैंकों को उभारने के लिए की गई है।

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