शौचालय का निर्माण एक वर्ष से अधूरा, शुरू होने से पहले ही हुए जर्जर

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img-20161206-wa0051 img-20161206-wa0047 img-20161206-wa0046झाबुआ लाइव के लिए कल्याणपुरा से गगन पंचाल की रिपोर्ट-
ग्राम पंचायत द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालय को बने एक वर्ष बीत गया लेकिन चालू होने से पहले ही यह शौचालय क्षेत्र में जर्जर हो चुके हैं। वही कुछ शौचालय तो एक वर्ष पूर्ण होने के बाद भी अधूरे पड़े। ग्राम कल्याणपुरा के आथमना फलिये में करीब दस से भी ज्यादा जगह पर बनाए गए शौचालय के टैंक अभी भी खुले पड़े हैं व कुछ के तो गड्ढे ही खोदकर अधूरे छोड़ दिए गए। इस दौरान ग्रामीण हितग्राहियों का कहना है कि जो चीज हमारी सहूलियत के लिये बनाई गई है वह अब हमारे लिए मुसीबत बन चुकी है। इसकी वजह यह है कि हमारे पशु बकरा बकरी, मुर्गा-मुर्गी व छोटे बच्चों का खुले पड़े इन गड्ढों या टैंकों में गिरने का खतरा लगातार बना रहता है। वहीं कल्याणपुरा क्षेत्र में बनाए गए कुछ शौचालय तो उपयोग के पहले ही जर्जर हो चुके हैं, शौचालयों में लगाए गए घटिया दरवाजे भी जंग खाकर खराब हो चुके हैं। वहीं शौचालयों का जो कार्य अधूरा छोड़ा था उसमें टैंक खुले छोड़ दिए इस वजह से ग्रामीणों ने उन टैंकों पर खुले रहने की वजह से कोई गिर न जाए इसलिए इसे झाडिय़ों से ढंक दिया है। वही क्षेत्र में बनाए गए कुछ शौचालय इतने संकरे बनाए गए हैं उनमें बैठ पाना भी मुश्किल लगता है। इसके नजदीक ही में एक फलिया स्कूल भी संचालित होती है अगर जल्द से जल्द इन शौचालयों के गड्डो को ढंककर धूरे कार्य को पूर्ण नहीं गया तो हमें खुद ही इसमे मिट्टी डालकर भर देंगे। ग्रामीणों का कहना है कि जब पंचायत सचिव राजेंद्र गौड़ से बताते है तो वह कहता है कि ढक्कन नहीं है जब आएंगे, तब आपका कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। नहीं तो तुम खुद ही पूरा कर लो, हितग्राहियों का कहना है कि हमें हमारी मजदूरी का एक रुपया भी आज तक नहीं मिला और न ही हमने एक भी पैसा देखा सारा सामान पंचायत द्वारा ही हमें दिया जा रहा, यह शौचालय भी हमें बना के दे रही थी अब अधूरे कार्य को कैसे पूरा करे कुछ समझ नहीं आ रहा है। ग्रामीण अब अधूरे कार्य को पूर्ण करवाने के लिए झाबुआ जाकर कलेक्टर से गुहार का मन बना रहे है। क्योंकि कलेक्टर जब मॉर्निग फॉलोअप के लिये आये तो हमारे फलिये में आकर देखे की योजना सिर्फ कागजों पर ही तो नहीं चल रही है।

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