ग्राम पंचायत स्वच्छता अभियान को लगा रही पलीता, ग्राम की पहचान बने गंदगी-कूड़े के ढेर

May

img-20161203-wa0032 img-20161203-wa0034झाबुआ लाइव के लिए झकनावदा से जितेंद्र राठौड़ की रिपोर्ट-
ग्राम पंचायत झकनावदा को जिले की बड़ी पंचायतों में शुमार किया जाता है, परन्तु सरपंच उपसरपंच एंव पंचों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की लापरवाही का खामियाजा नगर की जनता भुगत रही है।
चारों ओर गंदगी का अम्बार-
झकनावदा में जनप्रतिनिधियों की लापरवाही का खामियाजा यहां के रहवासियों को भुगतना पड़ रहा है। राजनीति अखाड़े के लिए पहचानी जाने वाली इस पंचायत में दोनों दलों के बड़े जनप्रतिनिधि इस पंचायत में बैठे है, जो जिले की राजनीति में अपना रसुख रखते है। परन्तु इन जनप्रतिनिधियों का कोइ ध्यान ग्राम की मूल सुविधा सफाई की ओर नहीं है। ग्राम पंचायत में कुल २० वार्ड है, जिसमें से एक भी ऐसा वार्ड नहीं है जहां गंदगी न पसरी हो।
मंदिर व स्कूली क्षेत्र में गंदगी-
झकनावदा पंचायत की उदासीनता का आलम यह है कि शंकर मन्दिर, तेजाजी मन्दिर और हाठ बाजार करने के लिए जाने वाले सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। पुराने बस स्टैड के समीप गंदगी का अंबार लग चुका है। नालिया तो ठीक उनके आसपास करीब 10 फीट कीचड़ जमा हो चुका है, यही हाल स्कूली बच्चों व रहवासियों का भी है। मेन रोड पर कन्या प्राथमिक विद्यालय के सामने गंदे पानी के इतने गड्ढे भरे हुए है कि यहां से पैदल निकलना दूभर हो रहा है, इसमें सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों को निकलने में यहां से परेशानी हो रही है। ऐसा ही नजारा मेन बस स्टैंड पर शासकीय क्वार्टर के आगे बड़ी मात्रा में गंदा पानी जमा हुआ है। परन्तु कुंभकर्णीय की नींद सोई ग्रापं व इसके जनप्रतिनिधियों को शायद इसके कोई लेना-देना नहीं है।
घर-घर शौचालय का नारा, परंतु ग्राम में एक भी सुलभ शौचालय नहीं-
झकनावदा नगर इन्दौर, बामनिया, बड़वानी को जोडऩे वाला सीधा और सरल मार्ग है, यहां से बड़ी संख्या में यात्री रोजाना इन शहरों की ओर सफर करते है, जबकि करीब 50 गांवों के लोग रोजगार और व्यापार करने यहां आते हैं। ग्राम पंचायत ने वर्षो पूर्व एक यूरीनर बनाया था जो अब पूरी तरह टूट चुका है, और उसमें भी गंदगी का अम्बार लग चुका है, जिसके करण राहगीर व बाहर से आने वाले लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पर बडा सवाल यह उठता है कि आजादी के 70 वर्ष बीत जाने और देश के प्रधानमंत्री के लाल किले के प्राचीर से स्वच्छता के इतने संदेश देने के बाद भी यहा एक सुलभ शौचालय इस ग्राम पंचायत ने अभी तक नहीं बनवाई। अब यह हाल बडी पंचायत का है तो सुदूर आदिवासी अंचल के हाल आसानी से समझे जा सकते हैं।
नगर के कई वार्डो में नालिया नहीं-
सरकार के स्वच्छता अभियान का पालन इस पंचायत में कितना हो रहा इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आजादी के बाद से अभी भी नगर में नालियों का निर्माण ही नहीं किया गया। नगर के प्रमुख वार्ड बस स्टैंड, इन्दिरा कॉलोनी, छात्रावास रोड, शासकीय अस्पताल पर आज तक नालियां ही नहीं है, जिसके कारण गांव का कीचड़ रोड पर फैल रहा है, और बीमारियों को न्योता दे रहा है। कीचड़ और गंदगी के चलते गांव में जमकर मच्छर पनप रहे हैं जिससे गांव में बीमारियां बढऩे के कारण शासकीय एवं निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है।
जिम्मेदार बोल-
नगर में साफ सफाई करवा रहे है और जल्द ही एस्टीमेट बना कर नालियों का निमार्ण करवाया जाएगा।
       – भीमसिंह कटारा, सचिव झकनावदा
कई बार ग्राम पंचायत को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन जिम्मेदार है कि सुनने को तैयार नही है, निरंतर फैल रही गंदगी से कई बीमारियों ने यहां अपने पैर जमा लिए हैं, ग्रामीण परेशान हैं।
        – रतनलाल रामनारायण राठौड़, रहवासी