जोबट मे उर्स का समापन, रंग मेहफिल में कव्वालों ने खूब बटोरी दाद

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20161122_102306 20161122_103412-1-1 screenshot_2016-11-22-15-02-59-1अलीराजपुर लाइव के लिए अलीराजपुर से ब्यूरो चीफ फिरोज खान (बबलू) की रिपोर्ट-
तीन दिवसीय चाचा मियां के नाम से मशहूर जोबट शरीफ के हजरत मेहमुदुल हसन चिश्ती साहब का तीन 33वां उर्स का समापन आज कुल की फातेहा व रंग की महफिल के साथ समापन हो गया। उर्स में खासकर इस बार जबलपुर से पांच हजार के करीब जायरीन शामिल हुए। साथ ही धार, बड़वानी, झाबुआ व अलीराजपुर जिले के लोग भी बड़ी संख्या में जोबट उर्स में शरीक हुए। सोमवार सुबह कुल की फातेहा के बाद रंग-ए-महफिल में जबलपुर के कव्वाल मंजूर खान साहब ने कव्वाली के चार आसार चाचा मियां की याद में पेश किए। साथ ही सज्जुदी शोले जोबट ने अपने अंदाज में रंग महफिल में कव्वाली में कहा कि ‘रेहुमुनाई में इन के पले हैं, इसलिये सारे हक पर चले है, हम गुलामी जरूल हसन जैसे की कैसे छोड़ेंगे इनकी डगरिया’ साथ ही शोले ने कव्वाली के जरिये कलाम पेश करते हुए ‘रास्तों के अफजल हम साथ ही चले थे, उन रास्तों ने पूछा तेरा हम सफर कहा है, जहुरपिया तुमे देखे बहुत दिन बीते’ जैसे कलाम पेश किए तो जायरीनों ने सुब्हानअल्लाह बोलकर कव्वाल का हौसला बढ़ाया। वहीं कव्वाल वहाब खान जबलपुरी ने अपने कलाम में कहा कि ‘जो खुशनसीब है यहां की पनाह में, करम के फूल बरसते है इनकी राह में’ जैसे कलाम पेश कर बहुत दाद बटोरी। इस दौरान कव्वालों को सभी लोगों ने नजराना पेश किया।

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