शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर वितरित किए कंकड़, धूल से सने गेहूं

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झाबुआ लाइव के लिए खरडूबड़ी से सिराज बंगडवाला की रिपोर्ट-
शासन की योजनाओं की जमीनी हकीकत क्या है यह जानने हो तो झाबुआ जिले के खरडूबड़ी चले आइए। यहां पर सहकारी संस्था में मिलने वाला गेहूं को देख आप पता लगा सकते हैं कि मध्यप्रदेश सरकार की चलाई जा रही महत्ती योजनाओं को कैसे अधिकारी जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन कर रहे हैं। मामले में खरडूबड़ी में शासकीय उचित मूल्य की दुकान में गेहंू वितरित का है, जिसमें ग्रामीणों को खाने के लिए वह गेहंू वितरित कर दिए गए जिसमें गेहूं कम कंकड़, पत्थर, धूल हैं तथा वे सड़ चुके हैं और इनसानों के तो जानवरों के खाने के लायक भी नहीं बचे हैं। इस संबंध में ग्रामीण रामसिंह का कहना है कि हम खेत में काम छोड़कर गेेहूं लेने गए लाइन में खड़े रहने के बाद जो गेहूं मिला वह तो जानवर भी नहीं खा सकते। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि इससे तो अच्छे गेहूं कांग्रेस के राज में मिलते थे जो महंगे तो थे परंतु उन्हें खाया जा सकता था। वहीं सेल्समैन खेलसिंह डामोर ने इस बारे में कहा कि गोडाउन में जो मेरे पास अनाज आया उसे वितरित कर दिया गया है।

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