सोसाइटी पर वितरित किए धूल-कंकड़-पत्थर से सने गेहूं, खरीदकर ग्रामीण परेशान

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img_20161025_173501 झाबुआ लाइव के लिए थांदलारोड से बुरहानुद्दीन जादलीवाला की रिपोर्ट-
आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था नौगांवा की शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर मंगलवार को जो गेहूं प्रदाय किया गया उसे इनसान तो क्या जानवर खाने में भी गुरेज कर सकते हैं। सोसाइटी पर गेहूं मिलने की सूचना मिलते ही गांव के लोग गेहूं लेने पहुंचे, जब उन्होंने सोसाइटी से गेहूं दिया गया तो वे इसे शासकीय उचित मूल्य की दुकान से खरीदने के बाद काफी परेशान दिखाई दिए जिसे देखकर लगता था कि गेहूं खरीदे है या मिट्टी, धूले के साथ रेत खरीदी है। परेशान ग्रामीण इस तरह के घटिया गेहूं खरीदने के बाद इसे बताने नौगांवा सरपंच पति के पास पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने सरपंच पति को शिकायत करते हुए कहा कि भाजपा के राज में यह कैसा खाद्यान्न हम गरीबों को दिया जा रहा है? ग्रामीणों ने पीड़ा बताते हुए कहा कि कंकर, पत्थर व धूल व सड़े हुए गेहूं कैसे बीने तथा इसे कैसे खाए?

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