1 पन्ने में श्रीमद् भागवत गीता के 700 श्लोक 18 अध्याय और 30 हजार अक्षर लिखे

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हस्तकला शिल्प प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए अतिथि।
हस्तकला शिल्प प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए अतिथि।

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
कागज के एक पेज पर गीता के 700 श्लोक, सूर्य की रोशनी से निर्मित फोटोकॉपी,आधुनिक लिपी, नारियल के खोपड़े से बने एंयाले धागे से गुथी माला, इस प्रकार की कई आश्चर्यजनक वस्तुओं का भंडार देखने को मिला जैन हस्तकला प्रदर्शनी में। जैन हस्तकला प्रदर्शनी मुनि पृथ्वीराज जसोल और मुनि चैतन्य कुमार अमन के निर्देशन में तेरापंथी समाज द्वारा शुक्रवार और शनिवार दो दिन के लिए अवलोकन हेतु लगाई गई है, जिसमें कई ऐसी अद्भूत वस्तुएं है जो सामान्य तौर पर देखने को नहीं मिलती है, स्वर्ग और नर्क की स्थिति बताई गई है। साथ ही कर्मों के फल अनुसार दंड बताए गए है। प्रदर्शनी में बच्चों को ज्ञानवर्धन के लिए भी कई प्रकार की पहेलियां और अन्य कई वस्तुएं रखी गई है। यह सारी वस्तुएं कलाकृतियां और हस्तशील्प जैन साधु साध्वियों के द्वारा बनाए गए है, जिसे देखने के लिए शुक्रवार को दिन भर छोटे बच्चों के साथ साथ नगर के नागरिकों का तांता लगा रहा। इस प्रकार की अद््भूत हस्त कला शिल्प प्रदर्शनी पेटलावद में कभी देखने को नहीं मिली। मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार और जिला थोक उपभोक्ता भंडार के अध्यक्ष अनोखीलाल मेहता की उपस्थिति में प्रदर्शनी का शुभारंभ फीता काट कर किया। गुरू ग्रंथ साहिब, जैनागम और चित्रकला में स्वर्गलोक, नरकलोक, विविध शिक्षाप्रद चित्र, प्लास्टिक के टुकड़ों से बनी छोटी छोटी वस्तुएं आकर्षण का केंद्र रही।
इस मौके पर आचार्य श्री महाश्रमण के सुशिष्य मुनिश्री पृथ्वीराज जसोल ने कहा की आध्यात्मिक वैज्ञानिक व्यक्तित्व के निर्माण कला से ही संभव है। भारतीय परंपरा में अनेक क्षेत्रों में कलाओं का विकास हुआ है। जैन तेरापंथ धर्मसंघ में कालू तुलसी के युग में अनेक कलाकार हुए है तथा जो अपने हुनर से समाज को प्रभावित कर रहे हैं। मुनि चैतन्य कुमार अमन ने कहा- सर्वोपरि कला है धर्म,कला,जो व्यक्ति को जीना मरना दोनों सिखाती है। यह हस्तकला प्रदर्शनी साधना का निर्देशन है, आत्म दर्शन की प्रेरणा है। साधु साध्वियों की श्रम निष्ठा का परिणाम है। एकाग्रता के अभाव में ऐसी कलात्मकता का निर्माण संभव नहीं है। इस कार्यक्रम में तेरापंथी सभा अध्यब झमकलाल भंडारी, तेयुप अध्यक्ष रूपम पटवा, सचिन मुणत, सुभाष निमजा, पंकज जे.पटवा, प्रियांश भंडारी, पियुष जैन, सुजल जैन आदि ने सक्रिय यङ्क्षगदान रहा. संचालन तेयुप मंत्री राजेश वोरा ने किया।
फोटो- – इस 1 पन्ने में श्रीमद् भगवदगीता के 700 श्लोक 18 अध्याय करीब 30 हजार अक्षर लिखे हुए है.
21पीईटी-03सी- जैन हस्तकला शिल्प प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए अतिथि।

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