मुख्यमंत्री विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर श्वेतपत्र जारी करे, संघ के आगे नतमस्त हो गई प्रदेश की सरकार : सांसद कांतिलाल भूरिया

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झाबुआ। एक तरफ आरएसएस प्रमुख गौररक्षकों को देशभक्त एवं देशहित में काम करने वाले बता रहे है तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 85 प्रतिशत गौरक्षकों को फर्जी बताने की बात कह रहे है। आरएसएस एवं कथित हिन्दूवादी संगठनों ने हाल ही में प्रदेश मे 10 से 12 जगहों पर तोडफ़ोड़ कर अराजकता वाली स्थितियां निर्मित कर दी है। गंधवानी-पेटलावद में भी इन्ही तत्वों के द्वारा जानबूझकर ऐसा माहौल निर्मित करके झाबुआ जैसे शांति के टापू जहां परस्पर भाईचारा एवं सौहार्द्रता रही है वहां आकर अब ये लोग माहौल को बिगाडऩे का काम कर रहे है।
प्रदेश में संघ की सरकार
वही दूसरी और सीएम शिवराजसिंह चौहान सरकार पूरी तरह आरएसएस के दबाव में आकर मूकदर्शक की भूमिका में है। समझ में नहीं आ रहा है कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार है या आरएसएस की सरकार है। पेटलावद में मुहर्रम एवं दशहरा पर्व शांतिपूर्वक संपन्न हो जाने के बाद इन्ही तत्वों ने माहौल खराब करने का काम किया है और कानून को बनाये रखने वाले प्रशासकीय अधिकारी एवं एसडीओपी की गाड़ी तक को नुकसान पहुंचाया है। इन तत्वों द्वारा दबाव बनाया जाकर पुलिस का मनोबल तोडऩे का काम किया जा रहा है। पूरे जिले में पेटलावद की कथित घटना को लेकर पूरे जिले में गैर कानूनी तौर पर चक्काजाम करके आम लोगों को परेशान करने में इन तत्वों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। जिले में आतंक का माहौल संघ एवं उनके सहयोगी संगठनों में मचा रखा है। जबरन लाठियों एवं हथियारों के बल पर चक्काजाम करवाकर जिले के शांति पूर्ण माहौल को बिगाडने में कोई कसर बाकी नही रखी है और प्रदेश की सरकार ने प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों जिन्होने अपने कर्तव्यों का सही तरिके से निर्वाह किया है, उन्हे स्थानांतरित करने, दंडित करने जैसे काम करके पुलिस एवं प्रशासन के मनोबल को तोडऩे का प्रयास है। भाजपा सरकार पूरी तरह संघ के दबाव में आकर कोई कदम नहीं उठा रही है। इससे कांग्रेस पार्टी इसका कड़ा विरोध करती है। उक्त बात क्षेत्रीय सांसद कांतिलाल भूरिया ने शुक्रवार को सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में मीडिया से मुखातिब होते हुए कही।पत्रकार वार्ता के दौरान जिला पंचायत अध्यक्षा एवं कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्षा कलावती भूरिया, जला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता,ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष हेमचंद डामोर, पार्टी प्रवक्ता हर्ष भट्ट, आशीष भूरिया उपस्थित थे।
नाकामियों को छीपा रही प्रदेश सरकार
सांसद भूरिया ने पेटलावद की घटना को पूर्व प्रायोजित बताते हुए कहा कि शिवराजसिंह सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिये इस तरह के घटनाक्रम करके लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है। भूरिया ने पेटलावद सहित प्रदेश में करीब एक दर्जन स्थानों पर संघ के गुडागिर्दी के कृत्यों को लेकर तीन मांगे उठाई, जिसमें उन्होंने आरएसएस की गुंडागर्दी के खिलाफ शिवराजसिंह चौहान को तत्काल ही विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करके श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। वही दूसरी मांग में उन्होने कहा कि प्रदेश के गृह मंत्री जो पुलिस विभाग के प्रदेश के मुखिया होते है वे पूरी तरह असहाय है। पुलिस-प्रशासन ने पेटलावद की घटना को लेकर जिन लोगों द्वारा आतंक मचाया गया तथा शांतिपूर्ण माहौल को बिगाडऩे के चलते पुलिस ने जिनके खिलाफ प्रकरण बनाये है उन पर कार्रवाई करने की बजाय वे सीधे नागपुर जाकर संघ के आगे नतमस्तक हो रहे हैं।
पुलिस-प्रशासन पर बनाया जा रहा दबाव
इस घटना को लेकर पुलिस पर प्रशासन पर दबाब बनाने के लिये नागपुर से संघ के नेता एवं खरगौन-मंदसौर के सांसदों को भेज कर शिकायत करने वाले लोगों पर प्रकरण वापस लेने के लिये दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में गृहमंत्री भी संघ के आगे नतमस्तक होकर कोई कार्रवाई से बच रहे हैं जिससे उन्हें तत्काल अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिये या मुख्यमंत्री को उन्हे बर्खास्त कर देना चाहिए।
प्रदेश में बढ़ रहे बेरोजगार
सांसद भूरिया ने तीसरी मांग के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में बेरोजगारी का आलम है। मध्यप्रदेश पर 1 लाख 55 हजार करोड रूपये का कर्जा होकर प्रदेश की माली हालत पूरी तरह जर्जर होने के बाद भी प्रदेश में इंडस्ट्रियल समिट के आयोजन के नाम पर करोड़ों रुपए फूंके जा रहे हैं, जबकि पूर्व में 4 हजार करोड़ के उद्योगों की स्थापना के लिये एमयूओ किये गये किन्तु आज तक धरातल पर एक भी उद्योग स्थापित नही हो पाया है। सांसद ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश में हजारों पर रिक्त पडे हुए है उन्हे नहीं भरा जा रहा है, युवाओं में बेराजगारी सतत बढ़ रही है और सभी में सरकार की इन नीतियों को लेकर व्यापक आक्रोष व्याप्त है। सांसद भूरिया ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार जनता का ध्यान बांटने के लिए संघ को आगे करके उसके इशारे पर इस प्रकार की राजनीति कर रही है। पूरे प्रशासन को निष्क्रिय बनाया जारहा है, ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों पर दबाव बना कर उन्हे परेशान किया जारहा है। उन्हें अटैच किया जा रहा है। भूरिया ने पेटलावद घटनाक्रम पर चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जिन लोगों पर पुलिस ने प्रकरण बनाये उन्हे बचाने के लिये संघ या कोई सत्ताधारी दल का नेता जिले में शिकायतकर्ताओं को डराने धमकाने एवं परेशान करने का काम करेगा तो वे कोर्ट में न्याय की गुहार लगाएंगे।
भूरिया ने संघ पर आरोप लगाते हुए चेतावनी दी गई झाबुआ जिले को गुजरात नही बनाने दिया जाएगा। आगामी 16 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के सत्र में प्रदेश सरकार की इन्ही नीतियों एवं कदमों को लेकर वे सिलसिलेवार आवाज उठायेगें वही उन्होने महामहिम राष्ट्रपति को भी प्रदेश के घटनाक्रम को लेकर पूरी जानकारी देकर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने तथा शिवराज सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेे। उन्होने प्रदेश में दिव्यांगों के साथ हो रहे सलुक का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हे सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने की बजाय प्रताडित होना पड रहा है। भूरिया ने आरक्षण के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि हाईकोर्ट में प्रदेश सरकार ने जानबूझकर अपना पक्ष प्रस्तुत नही किया और अब प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में होने के बाद भी मोहन भार्गव की मंशा के अनुरूप ही प्रदेश सरकार एससी एसटी के आरक्षण के लिये ऐसा ही कर सकती है। इस अवसर पर भूरिया ने मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कांग्रेस पार्टी एवं सम्पूर्ण लोकसभा क्षेत्र की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी आत्मीय शांति की कामना की ।

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