पेटलावद घटना को लेकर स्थिति का जायजा लेने आया इंदौर का दल

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 मुस्लिम समाज के लोगों से चर्चा करते हुए.
मुस्लिम समाज के लोगों से चर्चा करते हुए.

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
12 अक्टूबर को हुई घटना को लेकर गुरूवार को इंदौर से एक नागरिक समिति इंदौर का एक दल पेटलावद में घटना की वास्तविक स्थित जानने के लिए पहुंचा। दल में वरिष्ठ अधिकारी, अभिभाषक, पत्रकार और प्रोफेसर शामिल है। दल के साथ मालवा प्रांत सहसंपर्क अधिकारी राजेश दुबे भी साथ में है। दल में विवेक शरण, मनोज द्विवेदी, प्रो. कुंभन खंडेलवाल, पत्रकार मुकेश शर्मा शामिल थे।
एसडीओपी से जानकारी के बीच बहस
दल ने थाने पर जब एसडीओपी राकेश व्यास से जानकारी ली। इस दरमियान कुछ समय के लिए बर्बरता शब्द को लेकर आपस में बहस भी हुइ, जिसमें दल के साथ आए लोगों ने कहा की पुलिस ने जो रात्री में कार्रवाई की है वह बर्बरता की श्रेणी में आती है। पुलिस को रात्री में इस प्रकार की कार्रवाई की क्या आवश्यकता पड़ गई थी।
मुस्लिम समुदाय के लोगों से मिले
दल ने मुस्लिम मोहल्ले में जा कर एक मुस्लिम परिवार के घर पर बैठकर मुस्लिम समाज के वरिष्ठ लोगों से चर्चा की तथा उस दिन की घटना की वास्तविक स्थिति पता करने का प्रयास किया, जिसमें समुदाय के लोगों ने ताजियां का रास्ता मोडऩे की घटना और रात्रि में पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज करवाने वाले पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। अंत में समाज के इमामु खां से मीडिया ने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि हमारे समाज द्वारा किसी का नाम नहीं लिखवाया गया था।
पीडि़त पक्ष से की चर्चा
इसके साथ ही दल ने सर्वप्रथम उन पीडि़त पक्षों से चर्चा की जो 12 अक्टूबर की रात्रि पुलिस की मार का शिकार हुए, उन लोगों ने दल को 12 अक्टूबर की रात्रि की सारा घटनाक्रम बताया। पुलिस के द्वारा की गई मारपीट के बारे में पूरी जानकारी दी। पुलिस ने किस प्रकार निर्दोष लोगों के साथ मारपीट की गई है। साथ ही रात्रि में अपना पक्ष रखने गए संघ कार्यकर्ता और भाजपा मंडल अध्यक्ष सहित कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई। इस तरह की पूरी जानकारी दल कङ्क्ष दी गई। दल सदस्यों ने मीडिया में चर्चा में बताया कि 12 अक्टूबर की रात्रि में जो भी घटनाक्रम हुआ उसमें अभी तक जानकारी के अनुसार पुलिस की ही गलती नजर आ रही है, जिसमें स्पष्ट हो रहा है कि पुलिस ने गलत रवैया अपना कर पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर उक्त कार्रवाई की गई।
दो समाजो ने सौंपे ज्ञापन-
ज्ञापन सौंपने का क्रम गुरूवार को भी जारी रहा गुरूवार को भी मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन रायपुरिया के पाटीदार समाज और पेटलावद के गुजराती बलाई समाज द्वारा ज्ञापन सौंपा गया।
12 अक्टूबर के बाद पुलिस थाने में 1 रिपोर्ट-
12 अक्टूबर की घटना के बाद से 19 अक्टूबर तक पेटलावद पुलिस थाने में मात्र 1 रिपोर्ट ही दर्ज हुई है, इस मामले को लेकर 7 रिपोर्ट हुई थी और बामनिया चौकी पर 2 रिपोर्ट और सारंगी चौकी पर 2 रिपोर्ट हुई जिसे मिलाकर 12 अक्टूबर से आज तक 12 रिपोर्ट हुई है, जिसमें 7 रिपोर्ट 12 अक्टूबर की घटना को लेकर है इसके अलावा 5 रिपोर्ट में चार रिपोर्ट दो चौकियों पर हुई. पेटलावद थाने पर इस मामले को छोड़कर किसी अन्य मामले में मात्र 1 रिपोर्ट हुई है जङ्क्ष की बाइक चोरी की है. इसके अलावा पूरे सप्ताह में पुलिस थाने पर कोई रिपोर्ट नहीं हुई है, जिसे पुलिस की नजर में अपराधों में कमी की गिनती में माना जा रहा है.
सांसदों की रिपोर्ट में एसपी-कलेक्टर दोषी –
भाजपा संगठन भेजे गए सांसदों द्वारा भोपाल में पेश की गई रिपोर्ट में पेटलावद की 12 अक्टूबर की घटना में झाबुआ के एसपी और कलेक्टर को भी दोषी बताया गया है। इन दोनों अधिकारियों ने रात्रि में दूसरे पक्ष को रिपोर्ट करने के लिए प्रेरित किया और पेटलावद का जो माहौल शांत हो गया था उसे फिर से गर्माया गया। यदि रात्रि में जिला अधिकारी इस प्रकार की कार्रवाई नहीं करते तो पेटलावद में शांति बनी रहती, वहीं दूसरे दिन भी मामले को शांत किया जा सकता था तब भी दोनों अधिकारियों द्वारा समझौते या समझाइश का कोई रुख नहीं अपनाया गया।

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