क्षमा के धरातल पर की गई तपस्या परिवार, समाज और राष्ट्र में खुशहाली लाती है : मुनिश्री

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मासखमण 31 उपवास की उग्र तपस्या पूर्ण होने पर तप अभिनंदन और वरघोड़ा निकाला
झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
तपस्या प्रदर्शन नहीं आत्म दर्शन है. उज्ज्वलता, निर्मलता आत्म चिंतन और भीतर की प्रेरणा से की गई तपस्या सार्थक और बली, मनोबली, संकल्प बली और शूरवीर व्यक्ति ही तपस्या कर सकते है, तपस्या मनोरंजन के लिए नहीं आत्मरंजन के लिए करे, जिस व्यक्ति का ध्येय आत्मशोधन का होता है वे अपने आंतरिक ज्ञान के प्रस्फुटन के लिए तपस्या करते है यद्यपि तपस्या करने वाले तपस्या करते है किन्तु तपस्या में पारिवारिक सहयोग अपेक्षित है। उक्त विचार आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य मुनिश्री पृथ्वीराज जसोल ने व्यक्त किए। वे मनीषा वोरा के मासखमण 31 उपवास के पूर्ण होने पर तप अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे।
वरघोड़ा निकाला
मुनिवृंद की प्रेरणा से अभिभाषक अमृतलाल वोरा की पुत्र वधु मनीषा हेमंत वोरा ने अपने जीवन का पहला मासखमण पूर्ण किया जिस उपलक्ष्य में तपस्वी के घर से वरघोड़ा निकाला गया, जिसमें समस्त समाजजन ओर गणमान्य नागरिक शामिल हुए, समाज के पुरूष सफेद वेश में और महिलाएं चुंदरी पहनी वरघोडे में शामिल हुई, वरघोडा नगर के मुख्य मार्गो से होता हुआ डालिम कुंज पहुंचा जहां पर तप अभिनंदन समारोह का आयोजन रखा गया और मुनियों ने सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर मुनिश्री चेतन्य कुमार अमन ने कहा आठ प्रकार के कर्मो की तप वह तप है। तपस्या के दौरान आने वाले कष्टों को सहन करना महान फलदायक है, यद्यपि पांच इंद्रियां और मन की लालसाओं को बहुत मुश्किल से रोका जाता है जो व्यक्ति भौतिक लब्धियों और सिद्वियों को लिए तपस्या करते है और तपस्या के साथ प्रदर्शन का भावना रखते है, दिखावा करना, तपस्या को कोडिय़ों के भाव बेचने के समान है। अत: तपस्या में किसी प्रकार के भौतिक वस्तुओं के आदान प्रदान से बचना चाहिए, अन्यथा तपस्या का लाभ नहीं मिल पाता है। मुनिश्री अतुल कुमार ने कहा- तपस्या आत्मिक क्रांति है. निराहार और युक्ताहार दो प्रकार की तपस्या होती है, क्षमा के धरातल पर की गई तपस्या परिवार, समाज और राष्ट्र में खुशहाली लाती है। नवरात्र अनुष्ठान के साथ आयोजित कार्यक्रम में महिला मंडल ने समूह स्वर में मंगल गीत का संगान किया. तेरापंथी सभा के अध्यक्ष झमकलाल भंडारी,नगर परिषद अध्यक्ष संगीता भंडारी, ज्ञानचंद्र मुणत, जैन सोश्यल ग्रुप के सचिव संदीप बरबेटा, नप उपाध्यक्ष आजाद गुगलिया, गुगलिया ने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में गुवाहाटी से प्राप्त साध्वी प्रमुखा कनकप्रभाजी के संदेश का वाचन तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष रूपम पटवा ने किया। तेरापंथी सभा के अभिनंदन पत्र का वाचन तेरापंथी सभा के मंत्री लोकेश भंडारी ने किया. तेरापंथी सभा, अणुव्रत समिति और युवक परिषद-तीनों ही संस्थाओं के अध्यक्ष ने तपस्वीनी मनीषा वोरा को अभिनंदन पत्र भेंट किया। महिला मंडल अध्यबा पुष्पा पारलेचा व कन्या मंडल संयोजिका पूर्वा निमजा ने सामायिक कीट भेंट की,जैन सोश्यल ग्रुप के सदस्यों ने शाल माला से तपस्विनी का अभिनंदन किया। नप अध्यक्ष संगीता भंडारी, उपाध्यक्ष आजाद गुगलिया, पार्षद राकेश मांडोत, एल्डरमैन विनोद भंडारी ने तपस्विनी को अभिनंदन पत्र से सम्मानित किया.
इस अवसर पर विद्या चौहान ने नउ की तपस्या, बेला गुगलिया ने 15 की तपस्या,प्रेमलता बम ने 11 की तपस्या, विमला वोरा ने वर्षीतप एवं 21 उपवास के संकल्प से अभिनंदन किया. महिला मंडल ने 51 आयम्बिल,जीवन निमजा ने 180 प्रहरसी, ललीता भंडारी ने 51प्रहरसी, हेमलता जैन ने 15 एकाशन के संकल्प व्यक्त किए. सामाजिक कार्यकर्ता मुकुट चौहान ने साहित्य से सम्मानित किया। मुख्य अतिथियों का तेरापंथी सभा ने साहित्य द्वारा सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन तेयुप मंत्री राजेश वङ्क्षरा ने किया और आभार तेरापंथी सभा के उपाध्यक्ष पंकज जे पटवा ने माना.

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