मुहर्रम पर्व दिखाई दी एकता व भाईचारा, सभी धर्मों के लोगों ने ग्रहण की खिचड़ा प्रसादी

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कार्यक्रम में मौजूद अतिथि।
कार्यक्रम में मौजूद अतिथि।

झाबुआ। हजरत दीदार शाह वली उर्स कमेटी झाबुआ द्वारा स्थानीय निजी गार्डन में मंगलवार रात खिचड़ा का सामूहिक आयोजन किया गया। जिसमें शहर के सैकड़ों लोगों ने इसमें सहभागिता कर खिचड़े का लुत्फ उठाया। यह कार्यक्रम पूरी तरह से भाईचारे एवं एकता से परिपूर्ण रहा। इसमें मुस्लिम समाज के साथ हिन्दू समाज से भी प्रतिनिधियों ने शिरकत कर लंगर का आनंद लेने के साथ परोसदारी भी की। कार्यक्रम देर शाम 7 बजे से शुुरू हुआ। इसमे पूरे शहर के मुस्लिम समाज के बड़े-बजुर्ग, युवाओं के साथ बच्चें भी शामिल हुए। उर्स कमेटी के युवाओं द्वारा इन्हें बड़े-बड़े थालों में हलीम परोसा, जिसका सभी ने लुत्फ उठाया। कार्यक्रम रात साढ़े 9 बजे तक चला। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोगों ने सहभागिता की।
ये हुए विशेष रूप से शामिल
कार्यक्रम में विशेष रूप से मुस्लिम समाज से बाबुभाई कव्वाल, सलीम बाबा, उस्मानभाई, डॉ. वाहिद फराज, सिक्ख समाज से सुभाष छाबड़ा, ब्राहा्ण समाज से डॉ. केके त्रिवेदी, जैन समाज से यशवंत भंडारी, उर्स कमेटी के सदर नीरजसिंह राठौर के साथ बीएसएनएल एम्प्लाईज यूनियन से शरत शास्त्री, रोटरी क्लब झाबुआ से उमंग सक्सेना, राजूपत समाज से रविराजसिंह राठौर आदि शामिल हुए। जिनका स्वागत उर्स कमेटी के सचिव जैनुद्दीन शेख, सैयद मेकेनिक, वसीम सैयद, अब्दुल शेख, अयूबअली सैयद, मीडिया प्रभारी दौलत गोलानी आदि द्वारा पुष्पमाला पहनाकर किया गया। इस दौरान अतिथियों द्वारा समाजजनों को खिचड़ा परोसकर भी दिया गया एवं स्वयं भी खिचड़े का लुत्फ उठाया गया। इस अवसर पर महषूर शायर बाबूभाई कव्वाल द्वारा देश की एकता एवं भाईचारे को प्रदर्शित कर भारत माता पर आधारित रचनाएं भी प्रस्तुत की गई एवं जयकारे लगाए गए। कार्यक्रम का संचालन उर्स कमेटी के रियाज काजी ने किया।
कैस बनता है हलीम
हलीम सभी प्रकार का अनाज, दालों को मिलाकर उसमें तेल, घी एवं तरह-तरह के मसालों को एक साथ बड़े बर्तन में डालकर बनाया जाता है। साथ ही बनाते समय इसको लड़की के बनाए घोटे से करीब 6-7 घंटे लगातार घोटा जाता है, इसके बाद यह तैयार होता है। जिनका टेस्ट लाजवाब होता है। मौलाना खुर्शीद अहमद खान सा. ने बताया कि मोहर्रम पर्व के दौरान हलीम बनाने का विशेष महत्व होता है तथा इसे बनाकर सामूहिक रूप से परोसा जाता है। इसमें आपस में प्रेम और भाईचारे की भावना प्रदर्शित होती है।

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