नाम मात्र का मानदेय, उसका भी नौ माह से इंतजार

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अलीराजपुर लाइव के लिए बड़ी खट्टाली विजय मालवी की रिपोर्ट-
स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए शासन ने मध्याह्न भोजन योजना की शुरुआत की इस योजना के तहत प्राथमिक शालाओं में दोपहर का भोजन दोपहर संस्था में ही देने की शुरुआत की इसके लिए स्व सहायता समूह के माध्यम से संस्था में ही भोजन बनाकर बच्चों को खिलाया जाता है। भोजन बनाने की जिम्मेदारी रसोइयों के रूप में उसी क्षेत्र की महिलाओं को को दी जा कर उन्हें 1000 प्रतिमाह मानदेय निर्धारित किया। महिलाएं कुछ घंटे यह कार्य कर पुन: पारिवारिक कार्य करने के लिए स्वतंत्र रहेगी।
मानदेय नहीं मिलने पर परेशान हुई महिलाएं
ग्राम खट्टाली के बालक माध्यमिक विद्यालय में रानी काजल समूह द्वारा मध्यान भोजन का निर्माण व विचरण का कार्य किया जाता है तथा 7 महिलाएं बच्चों के लिए मीनू अनुसार रसोई तैयार करती हैं। किंतु आश्चर्य यह है कि इन महिलाओं को गत 9 माह से मानदेय के रूप में मिलने वाली राशि अभी तक नहीं मिली है। रसोई बनाने वाली ग्यारसीबाई का कहना है कि वह वह बच्चों के पेट का तो ख्याल रख रहे हैं किंतु हमारी भूख की और किसी का ध्यान नहीं है। जबकि एक अन्य महिला फुलबाई का कहना है कि हमें थोड़े से पैसों के लिए काफी जिल्लत उठाना पड़ती है तथा बार-बार निवेदन करना पड़ रहा है, जबकि कालीबाई, नानबाई, फुन्दीबाई, करमबाई, वेस्तीबाई आदि भी मानदेय को लेकर परेशान हो चुकी है।
शासन द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की कक्षाओं में न्यूनतम उपस्थिति के दंश को मिटाने हेतु बच्चों को स्कूल के प्रति आकर्षित करने के लिए मध्याह्न भोजन योजना की शुरुआत की थी। इसके लिए जनपद क्षेत्र की शालाओं की मॉनिटरिंग का दायित्व भी जनपद को सौंपा गया था। तथा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन मिले इस हेतु समूह के साथ रसोइयों का दायित्व अभी स्वं-सहायता समूह की महिलाओं को दिया गया था। इन महिलाओं को रसोई बनाने के बदले महज 1000 रुपए प्रतिमाह निर्धारित किया गया है, किन्तु ग्राम खट्टाली की बालक माध्यमिक शाला मे भोजन बनाने वाली सात महिलाओं को पिछले नौ माह से नाम मात्र का मिलने वाला मानदेय नही मिला है। मजबूरी में बुधवार से इन महिलाओं ने भोजन बनाना बंद कर दिया है।
जिम्मेदारों की सुनो-
का कहना है कि रसोइयों का भुगतान जिले से होता है तथा हमने यहां से सूची भेज दी है, तथा 47 में से 27 रसोइयों का भुगतान उनके खाते में जमा हो गया है, शेष के भुगतान की प्रक्रिया अन्तिम चरण में है।
                           -जीएस धरवाल, एमडीएम प्रभारी

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