कल्याणपुरा में जर्जर हो चुके हैं स्वास्थ्य केंद्र के आवास में रहने को मजबूर डॉक्टर

0

झाबुआ लाइव के लिए कल्याणपुरा से गगन पंचाल की रिपोर्ट-
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के कर्मचारियों के आवास पूरी तरह से जर्जर हालत में है जो की कभी भी धराशायी हो सकता है शासन के आदेश तो कर्मचारियों के कार्यस्थल पर ही रहने के है परन्तु लगभग 50 वर्ष पुराने भवन जो की रहने लायक नहीं होने, इस वजह से कई कर्मचारियों को झाबुआ या अन्य जगह से अप-डाउन करना पड़ता है या तो नगर में ही किराये के मकान रख रहना पड़ता है वही फिर भी ब्लाक मेडिकल ऑफिसर डॉ. डावर अपने परिवार के साथ ऐसे क्वार्टर में रह रहे हैं जिसकी छत का प्लास्टर गिर चुका है व बरसात का पानी छत से टपकता है। इस बारे में डॉ. डावर से बता की गई तो उनका कहना था कि पूरे कैम्पस में आवास व्यवस्था पुरानी होकर जर्जर हो चुकी है जिसमें कर्मचारियों सहित उनके परिवार के करीब 25 से भी ज्यादा लोग रहते हैं हमने कई बार लिखित एवं मौखिक रूप से अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बता दिया है कि कल्याणपुरा स्वास्थ केंद में नए आवास बनाए जाए, जिससे सभी कर्मचारी यही रह सके व बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दे सके। उन्होंने कहा है कि इस संबंध में प्रस्ताव हमने भेजा है जल्द ही आदेश आएगा तो नए भवन बनाए जाएंगे।
एक्स-रे मशीन खा रही धूल, नहीं है स्वीपर
पिछले वर्ष कल्याणपुरा में 30 बिस्तरों वाला भव्य चिकित्सालय तो बन गया पर डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के क्वार्टर नहीं बनने से लाखों रूपये खर्च कर एक्सरे मशीन भी बुलाई गई लेकिन ऑपरेटर नहीं होने से धूल खा रही है सफाई कर्मचारी नहीं होने से सफाई नहीं हो पा रही है। इसी के साथ स्वीपर नहीं होने से शव का पोस्टमार्टम झाबुआ जिला चिकित्सालय ले जाना पड़ता है नाम मात्र व्यवस्था होने से आपातकालीन स्थिति में इलाज नहीं होने से मरीजों की जान पर बन आती है मजबूरन उन्हें अन्य जगह रेफर करना पड़ता है। करीब झाबुआ व रामा ब्लाक एवं मेघनगर ब्लाक के 70 से भी अधिक गांव के ग्रामीणों यहां इलाज के लिये आते है व अभी मलेरिया के मरीजों की संख्या में एक हफ्ते में अचानक बढ़ गई, रामा व मेघनगर ब्लाक से आने वाले मरीजों की संख्या में मलेरिया ज्यादा है तेजी से बढ़ रहा है रोजाना 10 से ज्यादा मरीजो में इसके लक्षण मिल रहे हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.