प्रत्येक पल खुश रहे व जीवन को उत्सव बनाएं- खुमानसिंह 

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
विरोधाभासी मूल्य एक-दूसरे के पूरक होते है, दिन है तो रात है, अच्छाई है तो बुराई भी है, सुख है तो दुख भी है तथा जो व्यक्ति इस बात को समझ कर प्रत्येक अनुकुल परिस्थिति में तथा प्रतिकूल परिस्थिति में बिना विचलित हुए अपना व्यवहार एक सा रख कर प्रसन्न रहता है उसी का नाम जीवन जिने की कला है, जो व्यक्ति जीवन में सिर्फ अच्छा होने की ही कल्पना करता है वह हमेशा दुखी रहता है। प्रत्येक परिस्थिति में प्रत्येक पल खुश रहे व अपने जीवन को उत्सव बनाएं। उक्त बात गायत्री शक्तिपीठ के सभाकक्ष में आर्ट ऑफ लिविंग के हेप्पीनेस कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षक खुमानसिंह चुंडावत ने सहभागियों को संबोधित करते हुए कही। हेप्पीनेस कार्यक्रम में सहभागियों ने दिव्य सुदर्शन क्रिया के अलावा विभिन्न योगासन, ध्यान आदि का प्रशिक्षण प्राप्त किया। अपर जिला अभियोजन अधिकारी रविप्रकाश रॉय व सिविल इंजीनियर मिथिलेशसिंह भाटी ने बताया कि पांच दिवसीय हेप्पीनेस कार्यक्रम से जीवन को एक अद्भुत अनुभव प्राप्त हुआ तथा प्रत्येक व्यक्ति को यह अनुभव प्राप्त कर नियमित रूप से सुदर्शन क्रिया करना चाहिए। पूर्वा उपाध्याय व रचना जोशी ने बताया कि सुदर्शन क्रिया कर जो शुन्यता का अनुभव हुआ वह अद्वितीय है। जितेन्द्रसिंह राठौर व रमनलाल काग ने बताया कि हेप्पीनेस कार्यक्रम में सुदर्शन क्रिया के अलावा विभिन्न प्रक्रियाओ से जीवन की वास्तविकता का अनुभव होता है। हेप्पीनेस कार्यक्रम के सहभागीयो ने शक्तिपीठ के सभाकक्ष के रंगरोगन के लिए लगभग 7 हजार रुपएं की राशि एकत्र की। आयोजन में धर्मेन्द्र दुबे, डा. उर्मिला चोयल, जितेन्द्रसिंह राठौर, रजनीकांत शुक्ला, कैलाश चौधरी, मीना सिसौदिया, ललीता गौड़, आलोक चौहान का भी योगदान रहा, राधा दुबे ने आभार व्यक्त किया।

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