रेत खदानों में दिन-रात हो रहा अवैध खनन

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 सरकारी कार्यों में लिया जा रेत का उपयोग
सरकारी कार्यों में लिया जा रेत का उपयोग

अलीराजपुर लाइव के लिए अलीराजपुर ब्यूरो चीफ से फिरोज खान (बबलू) की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट-
चंद्रशेखर आजादनगर (भाबरा) क्षेत्र में रेत माफियाओं का बोलबाला होने लगा है। दिन-रात अवैध रेत खनन से जुड़े माफिया वाहन वन क्षेत्र से रेत निकालकर गांव-कस्बों व गुजरात राज्य तक सप्लाई करने में लगे है। वही वन विभाग के बीट के कर्मचारी व अधिकारी अपनी आंखें मूंदे बैठे हैं। आजाद नगर में माफियाओं की चांदी हो रही है। कलेक्टर शेखर वर्मा के अवैध धंधों के खिलाफ कार्रवाई के आदेशों के बावजूद जिम्मेदार कर्मचारी-अधिकारियों का खामोश रहना अब समझ से परे हैं। आजाद नगर में रेत माफिया अपने वाहनों से वन भूमि क्षेत्र छोटा भावटा, ऐरण, बीनत व आमखूट में सवेरे से रेत ढोना शुरू कर देते हैं,जो यह काम दिनभर चलता रहता है। ब्लाक के अधिकारियों के ऑफिस के सामने से रेत के वाहन गुजरने के बावजूद कार्रवाई न करना समझ से बाहर है। यहां तक की रेत से भरे ट्रैक्टरों को नाबालिग भी चलाते देखे जा सकते हैं, जबकि जो ट्रैक्टर अवैध रेत से भरे चल रहे हैं वह कुछ हद तक टै्रक्टर कृषि भूमि के काम में लिए जा सकते हैं। रेत ढोने के लिए इन्हें टैक्स भरना होता है लेकिन यह बिना टैक्स भरे रेत का परिवहन कर रहे हैं।
अवैध रेत गुजरात से लेकर सरकारी कामों में जुटे
आजादनगर ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों में अवैध रेत ढोहने का काम टै्रक्टरोंं से किया जा रहा है। ग्राम बरझर मे रोज आना 50 टै्रक्टर दिनभर रेत छोटीपोल व कदवाल वन क्षेत्र से डालने का काम करते है। वन विभाग को पता होने के बाद भी कार्रवाई करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं, यहां तक की बरझर से दाहोद गुजरात राज्य मे अवैध रेत सप्लाई हो रही है ।
सरकारी कामों में धड़ल्लों से हो रहा अवैध रेत का उपयोग
चंद्रशखेर आजाद नगर में सरकारी कामों मे भी अवैध रूप से रेत-ईंटों का उपयोग किया जा रहा है। करोड़ों रुपए की लागत से बरझर, सेजावाड़ा व आजाद नगर में काम चल रहे हैं। यह रेत कहा से आ रही है। रॉयल्टी है या नही सब इंजीनियर व एसडीओ भी ठेकेदार से पूछने वाला नहीं है। रेत माफिया दिन-रात सक्रिय रहकर, प्रशासन को निष्क्रिय करने में लगे हैं।
जिम्मेदारों की सुनो-
वन क्षेत्र में अवैध रेत खनन किया जा रहा है। रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मैं अभी संबंधित अधिकारी से बात करता हूं।
                   -अमित दुबे, डीएफओ अलीराजपुर

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