लोकसन्त के दर्शनार्थ जापान से आया गुरुभक्तों का दल

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झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट-
जैनाचार्य, लोकसन्त श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी मसा के भक्त पूरी दुनिया में बसे है। बुधवार को जापान से दर्शन-वन्दन करने 25 सदस्यीय जापानी गुरुभक्तों का दल जयन्तसेन धाम पहुंचा। आचार्यश्री से आशीर्वाद लेने के बाद दल के सदस्यों ने सस्वर मंर्ताधिराज नवकार का पाठ कर जयन्तसेन धाम का अवलोकन किया। वीरेन्द्र भण्डारी के नेतृत्व में आए दल का स्वागत चातुर्मास आयोजक व राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष, विधायक चेतन्य काश्यप परिवार की ओर से श्रवण काश्यप ने किया। इससे पूर्व अगस्त माह में भी जापान से गुरुभक्तो का दल रतलाम आया था।
पर्युषण पश्चात आचार्यश्री से क्षमायाचना करने कई भक्त रतलाम आ रहे हैं। बुधवार को अलीराजपुर व झालोद (गुजरात) से संघ आया। चातुर्मास आयोजक परिवार की ओर से पारसमल, अभय सकलेचा तथा हस्तीमल भंसाली ने अलीराजपुर के संघपति जवाहरलाल काकड़ीवाला का बहुमान किया। झालोद संघ के अनोखीलाल बम का बहुमान सुनील आंचलिया, मुकेश ओरा ने किया। अलीराजपुर के बाबूलाल प्यारचंद जैन ने श्रीमती तेजकुंवरबाई काश्यप व श्रवण काश्यप का बहुमान किया। दादा गुरुदेव की आरती का लाभ भंवरलाल बाबूलाल कटारिया (बैंगलुरू) ने लिया।
युवाओं को दिया सेवा का संदेश –
जैनाचार्य, लोकसन्त श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. ने जयन्तसेन धाम में परिषद् परिवार रतलाम के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जब भी सेवा का सुअवसर प्राप्त हो, तब तत्पर रहना चाहिए। शुभ भावो से की गई सेवा निष्फल नहीं जाती। सेवा भाव का हृदय से जुड़ाव होना चाहिए, मार्त दिखाने के लिए सेवा करने से कोई लाभ नहीं होता। ये सभी पुण्य से ही मिलने वाले संयोग जो चाहते हुए भी नहीं मिलते। उन्होंने कहा कि परिषद् का लक्ष्य ही सेवा है। अभा श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक, तरुण, महिला, परिषद् के 24-25 सितम्बर को आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में अनेक शाखाओं के सदस्य यहां पहुंच रहे हैं जिनकी सेवा-स्वागत करना रतलाम परिषद् के सभी सदस्यों का कत्र्तव्य है।
आचार्यश्री से आशीर्वाद लेते जापानी गुरूभक्त।

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