माही परियोजना में अनियमितताएं, सुरक्षा गार्ड के नाम पर लाखों का फर्जीवाड़ा

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
क्षेत्र में अरबों रुपए की लागत से निर्मित माही परियोजना से कई किसानों को लाभ मिला है। वहीं कई ग्रामों के किसान आज भी पानी नहीं पहुंचने से परेशान है। कई स्थानों पर नहरे फूट गई है और कई जगह नहरों का लेवल सही नही होने से पानी नही पहुंच पा रहा है। सिंचाई के भरोसे किसान बुाई कर देते है परंतु अंत में किसान कर्ज में डूब जाता है। जब माही परियोजना के अधिकारियों से बातचीत करने के लिए हमने दूरभाष किया तो सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर थोपते नजर आए, जिससे उनके ऊपर सवालिया निशान खड़े हो रहे है। गत वर्ष ग्राम करनगढ़ क्षेत्र में नहरे होने के बावजूद पानी नही मिलने से गरीब आदिवासी किसानो की गेहूं की फसल सूख गई थी। जल उपभोक्ता संस्था के संचालक से लेकर किसानो ने विभागीय अधिकारियो से पानी देने के लिए सभी प्रयास किए परंतु किसी ने ध्यान नही दिया। माही परियोजना में मनमानी का आलम यह है कि कतिपय उपयंत्री अपने चहते ठेकेदारो के नाम से काम लेकर स्वयं घटिया काम कर मनमाने मैनजमेंट चढ़ाकर राशि निकाल लेते है। यही नही माही परियोजना के मुख्य बांध की सुरक्षा के लिए प्रतिवर्ष सुरक्षा गार्ड के लिए विज्ञप्ति का प्रकाशन होता है। गत वर्ष 17 लाख रूपए का टेंडर सुरक्षा गार्ड के लिए प्रकाशन हुआ। उक्त कार्य के लिए अनुबंध करने वाली एजेंसी का तो पता नही चला परंतु डेम पर कार्यरत एक उपयंत्री ने आठ सुरक्षा गार्ड डेम पर नियुक्त किए। जिसमें दो गनमैन 9 हजार प्रत्येक को प्रतिमाह व 6 साधारण गार्ड के रूप में नियुक्त किए थे।
जिनमें से प्रत्येक को 6 हजार 600 रूपए प्रतिमाह वेतन दिया गया। इसमें भी अनुपस्थिति काटने के बाद वेतन दिया गया। इस वर्ष भी सुरक्षा गार्ड के लिए 19 लाख 84 हजार का टैंडर का प्रकाशन किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया में तय मापदंडों का पालन किया गया या नही यह किसी ने देखना उचित नही समझा। माही परियोजना में करोड़ो के काम वर्तमान में चल रहे है परंतु गुणवत्ता विहीन होने से किसानों को परेशानी उठाना पड़ती है।
इसी प्रकार मेन डेम की गैलेरी में टाईल्स लगाई जा रही है जो गुणवत्ता विहीन होनेे तथा चहेते ठेकेदार रहने के कारण विभागीय मशनरी का उपयोग भी आवश्यकतानुसार करके पूरी राशि का आहरण कर लिया जाता है। क्षेत्र में चल रही नहरों के निर्माण की उच्च स्तरीय जांच की जाए तो सही अर्थो में गुुणवत्ता का मामला सामने आ सकेगा।
जिम्मेदार बोले-
जो भी जानकारी चाहिए इसके लिए एसडीओ साहब से चर्चा कर लीजिए। – आरजी सिलावट, उपयंत्री, माही डेम
इस बारे में कार्यपालन यंत्री महोदय से चर्चाकर विधिवत जानकारी प्राप्त करे तो ठीक रहेगा।
– जगदीश सोनी, एसडीओ माही परियोजना
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