कुपोषण के नाम पर करोड़ों खर्च फिर भी मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर : विक्रांत भूरिया

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झाबुआ। कुपोषण के मामले में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर है और शिशु मृत्यु दर में पहला स्थान पर होने में प्रदेश की स्थिति हर मामलों में पूरी तरह खराब है। कुपोषण मध्यप्रदेश के लिए बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है। इससे भाजपा सरकार की नीतियों के कारण प्रदेश का भविष्य कुपोषित होता जा रहा है। वर्तमान में कई हमारों बच्चे गंभीर स्थिति में जीवन-मृत्यु से संघर्ष कर रहें है। उक्त आरोप युवा नेता डॉ.विक्रांत भूरिया, जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता एवं जिला पंचायत अध्यक्ष व कार्यवाहक अध्यक्ष कलावती भूरिया एवं प्रवक्ता हर्ष भट्ट ने एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर लगाया। डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा कि कुपोषण के मामले में सरकार अपने पुराने डर्रे पर चल रही है। आए दिन प्रदेश में कुपोषण से अकाल मौते हो रही है लेकिन सरकार इस मामले में बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। पूरे देश में कुपोषण के मामले में मध्यप्रदेश दूसरा राज्य एवं शिशु मृत्यु दर के मामले में प्रथम राज्य बन चुका है। साथ ही स्वास्थ्य के मामले में भी सरकार पूरी तरह उदासीन है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री स्वर्णिम मध्यप्रदेश की बात करते है वह दूर-दूर तक कही भी नजर नही आ रही है। मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रूस्तमसिंह ने भी माना कि 70 हजार से अधिक कुपोषित बच्चे हैं जिनमें से अधिकांश अतिकुपोषित की श्रेणी में है। मध्यप्रदेश सरकार विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रही है लेकिन इसके बाद भी कुपोषण और मातृ व शिशु मृत्यु दर में लगातार वृद्वि हो रही है। जिला कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किया है कि करोड़ों रूपया खर्च करने के बाद भी ऐसी स्थितियां क्यों बन रही है? आज जो कुपोषण के कारण बच्चों की मृत्यु हो रही है आखिर उनका जिम्मेदार कौन है? कुपोषण को मिटाने के लिए सरकार द्वारा भेजे जा रहे करोड़ों रुपयों का भ्रष्टाचार कौन कर रहा है? प्रशासनिक अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के आला-अफसर कुपोषण को सामान्य स्थिति बताकर क्यों छीपा रहे है। स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा कहा गया था कि कुपोषण डॉक्टरों की कमी की विजह से बढ़ रहा है जबकि यह सही नही है। डॉ विक्रांत भूरिया ने इसका खंडन करते हुए कहा कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग एवं मंत्रालय में हो रहें भ्रष्टाचार एवं राज्य सरकार की नीतियां ही पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होने कहा कि जिले में भी कुपोषण की स्थिति दयनीय है। उन्हें न पूर्ण रूप से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। उन्होने जिले में कुपोषित बच्चों को तत्काल इलाज करवा कर स्वस्थ्य करने की मांग की।

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