गणेशजी के विर्सजन चल समारोह में मनोहक रही आकर्षक का केंद्र

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झाबुआ लाइव के लिए बामनिया से लोकेंद्र चाणोदिया की रिपोर्ट-
देवों में प्रथम पूज्यनीय भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा विसर्जन का दौर अनंत चतुर्दशी पर सुबह से ही शुरू हो गया था। 11 दिनों तक घर-घर में विराजे बप्पा की प्रतिमा की विदाई के समय भावुक हो उठे भक्त, हालांकि भक्तों में इस बात को लेकर जोश भी था कि गणपति बप्पा अगले बरस फिर दोगुने उत्साह के साथ उनके घर-आंगन में विराजेंगे, अगले बरस आना है आना ही होगा के साथ बप्पा को विदाई दी गई। सुबह से ही विसर्जन का दौर शुरू हो गया था, क्योंकि मुहूर्त के हिसाब से लोगों ने जल्द ही जुलूस निकालना शुरू कर दिए थे। विदाई की बेला निश्चित रूप से नाजुक होती है, लेकिन में भी सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति के सदस्यों में उत्साह रहा। ढोल-ढमाकों के साथ गणेशजी की विदाई दी गई। मनोरम झांकियों को निहारने के लिए सैकड़ों लोग उमड़े, सभी प्रतिमाओं का विसर्जन रतलाम रोड स्थित निस्तार तालब में किया गया।

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