EXCLUSIVE: चुनाव हारें उम्मीदवार ने दो गांवों का रास्ता रोका, देश में अपनी तरह का पहला मामला, आतंक के आगे पुलिस खामोश
चुनाव में हिंसा और मतगणना के बाद हिंसा के ख़बरें तो लगातार सुनने को मिलती रहती है लेकिन आदिवासी अंचल झाबुआ में जो हुआ वह अब तक कही न देखने को मिला है और नहीं सुनने को। यहां पंचायत चुनाव में मिली हार के बाद एक उम्मीदवार ने दो गांवों को जोड़ने वाला रास्ता ही बंद कर दिया है। कौन सा है गांव और कौन है यह उम्मीदवार पढ़िए सिराज बंगडवाला की रिपोर्ट खरडुबडी से यह एक्सक्लुजिव रिपोर्ट।
अपनी तरह का यह पहला मामला झाबुआ जिले के रानापुर तहसील का है। यहां के उमरिया वैजंत्री गांव में अनसिंह भूरिया पंचायत का चुनाव हार गए। इसके बाद से ही वह इस तरह की हरकत पर उतर आए है। दरअसल, अनसिंह भूरिया उमरिया वैजंत्री गांव के किनारे पर रहते है। उनका मकान जिस रास्ते पर है वह वैजंत्री उमरिया सालम गांव को जोड़ता है। जब से अनसिंह चुनाव हारे है उसके बाद से उन्हें जिस पर वोट नहीं देने का शक है उसका उन्होंने एक गांव से दूसरे गांव में जाना बंद करा दिया है।
यदि कोई उमरिया वैजंत्री से उमरिया सालम आना चाहता है या फिर सालम से वैजंत्री तो उसके लिए अनसिंह रास्ता रोककर खड़ा हो जाता है। अनसिंह को जिस पर भी शक है कि वह उन्हें गांव की सीमा पार करने नहीं दे रहा है। ऐसे में यदि कोई विरोध करता है तो अनसिंह उनके साथ मारपीट करता है और उन्हें भगा देता है।
पिछले कुछ दिनों से यह चल रहा है। होली के दिन भी कई लोग इस वजह से अपने गांव नहीं जा सके। अनसिंह भूरिया के इस आतंक के खिलाफ रानापुर पुलिस थाने पर शिकायत की गई लेकिन पुलिस ने आदमचैक काट दिया। साथ ही यह भी कहा कि भगोरिया के बंदोबस्त में होने की वजह से वह फिलहाल उनकी मदद नहीं कर पाएंगे।