पदोन्नति को लेकर हो रहे भेदभाव पर शिक्षक लिखेंगे मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
प्रदेश के 45 हजार से अधिक सहायक शिक्षक वर्षो से पदोन्नति की रहा तक रहे हैं, लेकिन शासन ने अभी तक पदोन्नति के सबंध मे कोई निर्णय नहीं लिया। जिससे प्रदेश के सहायक शिक्षक अपने आप को उपेक्षित और क्षुब्ध महसूस कर रहे है। कई शिक्षकों की सेवा अवधि 30 से 35 वर्ष हो गई। कई शिक्षक इसी पद पर नियुक्ति से लेकर सेवानिवृत्त हो गए। कई शिक्षकों की इसी पद पर पदोन्नति की राह तकते हुए मृत्यु हो गई। अब प्रदेश के सभी सहायक शिक्षकों ने ठान लिया है कि वे पदोन्नति ले कर ही रहेगें। इसके लिए बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे है। उक्त जानकारी देते हुए शिक्षक कर्मचारी नेता मुकेश पुरोहित,देवेंद्र गोड, देवेंद्र भाटी, हेमेंद्र गुप्ता, नंदलाल हारी ने संयुक्त रूप से बताया कि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से मांग की कि वे 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के पूर्व सभी पात्रताधारी जिसमें हायर सेकंडरी उतीर्ण शिक्षकों को प्राथमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक पद पर और स्नातक- स्नातकोत्तर योग्यताधारी शिक्षकों को उच्च श्रेणी शिक्षक पद पर पदस्थ स्थानों पर पदोन्नत किया जाए, जिसमे ंवर्तमान शैक्षणिक सत्र प्रभावित न हो तथा शिक्षकों को समय मान वेतनमान और अध्यापक संवर्ग को छटा वेतन मान के गणना पत्रक को सुधार कर वेतन दिया जाए। इसके साथ ही अध्यापक संवर्ग को शिक्षा विभाग में संविलयन कर सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए, जिससे संवर्ग में भेदभाव समाप्त हो। मांगे पूरी नहीं होने पर सैकड़ों शिक्षक मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड लिखेंगे।

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