अजजा वर्ग की शिक्षा गुणवत्ता सुधार के लिए सांसद भूरिया ने की केंद्र सरकार से मांग

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झाबुआ। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता संबंधित स्थाई समिति की बैठक सोमवार को संसदीय शोध नईदिल्ली में आयोजित बैठक का एजेंडा अजजा की शिक्षा से संबंधित मुद्दे थे। बैठक में भाग लेते हुए सांसद कांतिलाल भूरिया ने अनुसूचित जनजाति के छात्रों की शिक्षा के क्षेत्र में केन्द्र सरकार द्वारा संतोषजनक प्रगति नहीं किये जाने का मुद्दा उठाया एवं उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री एक और तो आदिवासियों को प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति किए जाने की बयान देते है लेकिन वास्तविकता से दूर अनुसूचित जनजाति के लोगों को विशेष कर शिक्षा के क्षेत्र मे चाहे वह बालिका और बालकों के छात्रावासो ं की योजना जनजातीय उपयोजना क्षेत्र के आश्रम विद्याालय की योजना, अजजा के छात्रोंं के लिये मेट्रीकोत्तर छात्रवृति योजना जनजाति क्षेत्रों में व्यवसायिक प्रशिक्षण की योजना, विदेशो मे उच्च श्रेणी शिक्षा की योजना, अजजा के छात्रों के लिये राजीव गांधी राष्ट्रीय अध्येतावृति योजना, कम साक्षरता वाले जिलों में बालिकाओं के बीच शिक्षा के सुदृढ़ीकरण की योजना, एवं एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के लिये अनुच्छेद 275 एक के तहत अनुदान दिये जाने की योजना कहीं पर भी केन्द्र सरकार द्वारा उल्लेखनीय कार्य नहीं किया जाकर कथनी एवं करनी का अंतर सामने है। सांसद भूरिया ने अजजा छात्रों के लिए मेट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति योजना, 150 और छात्रावासी विद्यार्थियों को 350 रुपए प्रतिमाह बढ़ाने पर जोर दिया तथा इस बात पर अचरज व्यक्त किया कि सरकार कहती है कि कक्षा पहली से नौवी तक अजजा के छात्रों को पदोन्नत किया जाए अर्थात बिना पढ़े एवं परीक्षा दिए ही अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया जाए। केन्द्र सरार का मंतव्य साफ है कि बिना पढ़े व परीक्षा उत्तीर्ण किये ही उन्हे के कारण उनकी नींव इतनी कमजोर कर दी जाएगी वह वयस्क होने पर अनपढ़ ही रहे और अन्य क्षेत्रों ं में कोई भी प्रगति नही कर पाए। यह आदिवासियों के साथ षडयंत्र है जिसे खिलाफ जोरदार आवाज उठाना होगी। छात्रवृति 230 से लेकर 1200 रुपए तक को बहुत कम बताया विदेशों में उच्च अध्ययन के लिए राष्ट्रीय पारीय छात्रवृति को व्यापक बनाने पर जोर दिया जाना अति आवश्यक है। अजजा के छात्रा ें के लिये उच्चश्रेणी की शिक्षा में मात्र एक हजार छात्रों का चयन किये जाने से लगता है कि केन्द्र सरकार अजजा के छात्रों को उच्च शिक्षा दिलाने में गंभीर नहीं है। कम साक्षरता वाले जिलों मे अजजा बालिकाओं के बीच शिक्षा के सुदृढ़ीकरण की योजना देश के मात्र 54 जिले को चिन्हित कर सांसद भूरिया ने बैठक मे कहा कि इसे और भी जिलों तक प्रसारित किए जाने पर महिला साक्षरता को बढ़ावा दिया जा सकता है। एकलव्य आदर्ष विद्यालयों में संविधान के अनुच्छ के अनुसार अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त है ऐसे मे छात्रों को गुणवत्ता परक माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा किस तरह प्रदान की जाएगी और सरकार अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करेगी यह अहम प्रश्न है। भूरिया ने तत्काल इन मांगों को निराकरण करने की मांग केन्द्र सरकार से की ।
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