MP आनलाइन पोट॔ल खोलना चाहता था ” मयंक” , ताना मिला तो कर दी हत्या

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झाबुआ Live के लिए ” थादंला से ” रीतेश गुप्ता” की EXCLUSIVE रिपोर्ट

यह है हत्या आरोपी युवक " मयंक हार्डिया "
यह है हत्या आरोपी युवक ” मयंक हार्डिया “

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विगत 16 अगस्त को झाबुआ जिले के ” थादंला” मे हुए सनसनीखेज ” महेंद्र भट्ट ” हत्याकांड का ठीक 12 वे दिन आज थादंला पुलिस ने खुलासा कर दिया है । थादंला थाने पर एक प्रेस कांफ्रेंस कर एएसपी ” सीमा अलावा”  ने बताया कि  वारदात का खुलासा हो गया है हत्या का कारण भी साफ हो गया है । रिटायर्ड शिक्षक एंव ज्योतिष महेंद्र भट्ट की हत्या की कहानी इस प्रकार है ।

MP आनलाइन सेंटर डालने के लिए रुपये लेने आया था ।

पुलिस की जांच मे खुलासा हुआ है कि रिटायर्ड शिक्षक महेंद्र भट्ट की के बेटे ओर अपने कुछ परिचितों से वह कुल 28 हजार की जुगाड करने के लिए आया था क्योकि उसके धार जिले के ” बाकानेर” के दोस्त ने उसे यह आइडिया बताया था कि मात्र 28 हजार रुपये में वह MP आनलाइन सेंटर डाल रहा था ओर अच्छा काम है कमाई ठीक ठाक हो जाती है बस यही धंधा ” मयंक हार्डिया ” को जंच गया ओर वह थादंला आ पहुंचा । 14 को मयंक ने खाना भी भट्ट परिवार के यहां खाया ओर एक परिचित के यहां रुका ओर 15 अगस्त को उसने एक निजी डेंटिस्ट से भी कुछ रुपये जुगाड से ले लिए लेकिन यह काफी नही थे ओर वह बाकानेर लोट गया लेकिन अगले ही दिन वह थादंला लोटा ओर उसे पूरी उम्मीद रिटायर्ड शिक्षक ” महेंद्र भट्ट ” के छोटे बेटे मनीष भट्ट से थी क्योकि पहले भी मनीष ओर उनके बडे भाई रवि ” मयंक हार्डिया ” को मदद दे चुके थे घटना के दिन 16 अगस्त को वह मनीष भट्ट से मिलने के इरादे से ही ” महेंद्र भट्ट ” के आवास पर पहुंचा था मगर वहां उसे मनीष की जगह ” रिटायर्ड शिक्षक ” महेंद्र भट्ट मिल गये तो उसने उनसे अपने mp आनलाइन के काम मे मदद मांगी तो इस पर ” महेंद्र भट्ट ” ने अधिकार पूव॔क डांटते हुए कहा कि तुम भी मेरे घर मे ही लगभग रहे हो ओर मेरे बेटे रवि ओर मनीष को देखो दोनो पढ लिखकर आज सेट हो गये ओर तुम आवारगी मे लगे हो । बस यही ताना ” मयंक ” को नागवार गुजरा ओर उसने एक पंच ” महेंद्र भट्ट ” के चेहरे पर दे मारा जिससे वह बेहोश होकर गिर पडे ओर खून आ गया इससे घबराकर उसने उनका दम घोंट दिया ओर मोके सहित थादंला से फरार हो गया ।

मयंक हार्डिया घर से निकाला हुआ युवक था ।

महेंद्र हार्डिया के पिता थादंला मे कृषी विभाग मे अधिकारी के रुप मे कई साल रहे है ओर यही उनके संबध ” रिटायर्ड शिक्षक” महेंद्र भट्ट के परिवार से पारिवारिक बने । यह संबध इस हद तक पारिवारिक थे कि मयंक का सोना – खाना – पीना – उठना – बैठना” एक परिवार के सदस्य के रुप मे ही था मयंक खुद भी ” महेंद्र भट्ट ” को पापा बोला करता था उससे इस तरह के कृत्य की उम्मीद किसी को नही थी । आपको बताते चले कि मयंक की आवारगी के चलते उसके पिता 10 साल पहले ही उसे घर से निकाल चुके थे ओर 2012 मे तो बकायदा अखबार मे विज्ञापन जारी कर चुके थे कि मयंक से उनका ओर उनके परिवार का कोई संबध नही है तब से मयंक कभी दोस्तो के यहां तो कभी थादंला भट्ट परिवार मे तो ज्यादातर अपने नाना के यहां खरगोन जिले के “कसरावद” मे रहता था लकिन 1 महीने पहले उसके पिता ने अपने ससुराल वालो से कहकर उसे वहां से भी निकलवा दिया था । तब से वह MP आनलाइन सेंटर के जरिए लाइफ मे सेट होने के चक्कर मे था लेकिन अब हवालात मे सेट हो गया है । बहरहाल पुलिस ने उसे दफा 302 के तहत गिरफ्तार कर लिया है ।

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