शिव कावडिय़ों का पिटोल में हुआ भव्य स्वागत

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8झाबुआ लाइव के लिए पिटोल से भूपेंद्रसिंह नायक की रिपोर्ट-
शिव कावडय़ात्रा का भव्य हुआ भव्य स्वागत देवझरी से शिव मंदिर देहदा (गुजरात) जाने वाली कावडय़ात्रा का पिटोल व आसपास गांवों में हुआ। भव्य स्वागत -रविवार दोपहर देवझरी तीर्थ स्थल से मा नर्मदा का जल भरकर करीब 2000 कावडिय़ों का जत्था देवझिरी से चलकर झाबुआ, भोयरा, मलवाण, ढेकल होता हुआ। ग्राम मंडली पर पहुंचा जहां पर सभी कावडिय़ों रात्रि में विश्राम एवं भोजन की व्यवस्था की गई भोजन की व्यवस्था सभी मंडली गांव के ग्रामीणों ने जन सहयोग से की वही सभी लोग मंडली मंदिर पर रात भर भजन-कीर्तन के साथ सुबह 5 बजे जल्दी भगवान भोलेनाथ की आरती कर गुजरात देहदा शिव मंदिर के लिए रवाना हुए मंडली से पिटोल पहुंचने पर तितरिया भाई गुंडिया एवं शंकर बिलवाल द्वारा सभी कावडिय़ों के लिए दूध की व्यवस्था की गई। वही पिटोल में स्थानीय राधाकृष्ण मंदिर पर केले एवं फरियाली द्वारा अल्पहार की व्यवस्था की गई जिसमे केले का सहयोग ग्रामं पंचायत कालाखूट के सरपंच जोगडा बबेरिया एवं कालाखूंट गांव के लोगों द्वारा किया गया। वही फरियाली चिवड़े की व्यवस्था पिटोल नगर के जनसहयोग से की इस कार्यक्रम का आयोजन पिटोल के लबाना समाज के भूपेन्द्रसिंह नायक द्वारा किया जाता है। वही इस कार्यक्रम सेवा देने का काम लबाना नव युवक मंडल के सहयोग द्वारा किया गया। वही ठाकुर समाज से निर्भय सिंह ठाकुर पत्रकार, नागर समाज से किशन नागर, दिनेश नागर, नाना नागर, वही आदिवासी समाज के शैतान बिलवाल, मनसुर बिलवाल,कालुुभाई बबेरिया, जानूभाई बिलवाल, वासुदेव भूरिया, धर्मेन्द्र मच्छार एंव पिटोल का मच्छार परिवार कि ओर से सेवा सहयोग किया जाता है। इस कार्यक्रम के आयोजन के मुख्य सहयोगी कानुजी महाराज, सबुर भाई, दुबलिय भाई, केशिया भाई बिलवाल (मंडली मंदिर पुजारी) काला भाई, तेरसिंह भाई डामोर, पांजु वाखला, रमेश वाखला, कलिया भाई, नेता भाई आदि।
यह मकसद है कावडय़ात्रा का-
बदिया भाई द्वारा बताया गया की झाबुआ दाहोद बासवाडा धार राजगढ़ जिलों से करीब 50 गांव के आदिवासियों द्वारा इस कावडय़ात्रा में शामिल किया जाता है। इस कावडय़ात्रा में अनपढ़ आदिवासी भाइयों को आदिवासी समाज के आध्यात्मिक संत एवं धर्मगुरू गंगााराम महाराज देहदा (गुजरात) वालों द्वारा जिन क्षेत्रों मे अनपढ़ ग्रामीणों को अपने गुरूधर्म को छोड़कर अन्य धर्म के अन्दर परिवर्तित हुए उन्हे अपने धर्म मे वापस लाना एवं समाज की मुख्य धारा से जोडना एवं हिंदू धर्म रीति-रिवाजों को अनुसरण कराना शिव कावडय़ात्रा की विशेषता यह रही की इस यात्रा में पुरूषों के साथ महिला शक्ति ने भी हिस्सा लिया।
1. इस प्रकार नगर मे प्रवेश किया भव्य कावडय़ात्रा ने।
राधाकृष्ण मंदिर पर स्वल्पाहार वितरण करते भक्त।
नेशनल हाईवे पर गुजरात जाते हुए कावडिय़ों का विहंगम दृश्य।

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