बामनिया ”झाबुआ आजतक डेस्क”: शिक्षा के व्यावसायिकरण के इस दौर में बात एक ऐसे शिक्षक की जिन्होंने अपना जीवन आदिवासी अंचल के बच्चों की जिंदगी में ज्ञान का उजियारा लाने में समर्पित कर दी। ऐसे में कई दशकों की शासकीय सेवा के बाद यह शिक्षक रिटायर्ड हुए तो उनके सम्मान में कई पीढ़ियां और दोस्त उन्हें विदाई देने के साथ उनका अभिनंदन करने पहुंचे।
बात हो रही है मनोहरलाल मोटसरा की जिनकी पहली नियुक्ति 5/10/1976 अमरगढ़ तहसील पेटलावद में बतौर सहायक शिक्षक हुई थी। वहां से पदोन्नति उच्च श्रेणी शिक्षक बनकर बामनिया 2005 में, बामनिया ही 2014 में प्रधान अध्यापक 2014 में ही बामनिया से कोदळी अगस्त में स्थान्तारण फरवरी 2015 में कोदळी में ही सेवानिवृति।
मोटसरा सर का निवास शुरू से ही बामनिया में रहा। बामनिया रहते स्कूल में अंग्रेजी व बायलॉजी की अच्छी शिक्षा बच्चों को दी बायलोजी का रिजल्ट 100% तक दिया। यह बामनिया में बड़े ही मिलनसार किस्म के व्यक्ति है और अब बामनिया के ही निवासी बन गए। इस अवसर पर बामनिया प्राचार्य एच. पी. श्रीवास्तव, शांतिलाल व्यास, पी सी मीणा उपस्थित थे। मित्रो ने साल श्रीफल और अभिनन्दन पत्र भेट किया।