बापूसा के निधन से जिलेवासियों में शोक

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झाबुआ लाइव डेस्क
कुपरवाड़ा ठिकाना (जावरा) मप्र के मूल निवासी स्व मनोहरसिंहजी सोलंकी के ज्येष्ठ पुत्र आदरणीय बापू सा. स्व. भगवंतसिहजी सोलंकी का कर्मक्षेत्र झाबुआ व झकनावदा (पेटलावद) रहा है। आप शासकीय सेवा में राजस्व अमले में पटवारी के पद पर पदस्थ थे। अलग-अलग समय में अलग-अलग जगहों पर पदस्थ रहने से संपूर्ण क्षेत्र के लोगों से ही आपका जुड़ाव था, लगाव था। आपको लोग पटवारीजी के नाम से कम डॉक्टर साहब के नाम से ज्यादा जानते थे। आप अपने मूल कर्तव्य के अलावा भी पूरे समय लोगों की सेवा और उपचार में लगे रहते थे। ईश्वर की विशेष कृपा थी आप पर जिससे आपने कई लोगों को लाभ पहुंचाया। सेवा और समर्पण का पर्याय थे आप। नि:स्वार्थ और नि:शुल्क सेवा करना और दु:खी व पीडि़तों को आश्रय देनाए उनके भोजन.पानी की व्यवस्था करना आपके नित्यकर्म में शामिल था। प्राणी मात्र के कल्याण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले, धर्मपरायण, कर्तव्यनिष्ठ, सेवाभावी, मिलनसार बापू सा. के निधन का आज सुबह जैसे ही समाचार मिला पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। वह परिवार के लिए तो महत्वपूर्ण थे ही समाज के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण थे। उनके निधन से सोलंकी परिवार के साथ ही पूरे क्षेत्र की अपूरणीय क्षति हुई है। 77 वर्षीय स्व.भगवंतसिह सोलंकी पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। आज प्रात: 6 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। पूरे क्षेत्र में लोग आपको बापू सा. के नाम से संबोधित करते थे। यह आपके प्रति उनकी श्रद्धा व विश्वास का घोतक है। सबके सम्माननीय बापू सा. की अंतिम यात्रा में सब वर्ग व समाज के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में डीआरपी लाइन स्थित मुक्तिधाम पर उनके पुत्र श्री वीरेंद्रसिंह सोलंकी व लाखनसिंह सोलंकी द्वारा मुखाग्नि दी गई।