सांसद भूरिया ने लोकसभा में उठाया जिला चिकित्सालय में छत गिरने व धामनोद में डायरिया पीडि़तों का मामला

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झाबुआ लाइव डेस्क-
मंगलवार को रतलाम के जिला चिकित्सालय के प्रसूति विभाग की छत गिरने से हुई मरीजों की मौत एवं अस्पताल में भर्ती घायल के साथ धामनोद में लगभग 200 ग्रामवासियों में डायरिया फैलने से हुई मौत का मामला रतलाम संसदीय क्षेत्र के सांसद कांतिलाल भूरिया ने यह गंभीर मामला लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया। सांसद कांतिलाल भूरिया ने रतलाम जिला चिकित्सालय की छत गिरने से प्रसूति विभाग में दाखिल एक मरीज की मौत एवं 15 अन्य मरीजों के गंभीर रूप से घायल होने का मुद्दा उठाते हुए जिला प्रशासन और राज्य शासन को आड़े हाथों लेते हुए केेंद्र सरकार का ध्यान इस और आकर्षित करते हुए कहा कि इस गंभीर घटना को जिला प्रशासन ने सामान्य समझकर लेटलतीफी की जसिसे की घायल मरीजों को समय पर चिकित्सा नहींमिलने के कारण एक मरीज की मौत हो चुकी हैं एवं 15 मरीज गंभीर घायल है, जिनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। वहींअस्पताल की जर्जर स्थिति को देखते हुए घटना की पुनरावृत्ति से इनकार नहींकिया जा सकता। सांसद भूरिया ने बताया कि सन 1932 में चूने से बनी जिला अस्पताल के भवन पर सन 2009 में इस भवन की जर्जर हालत के बावजूद भी एक ओर मंजिल का निर्माण किया गया तथा जल्दबाजी में भाजपा सरकार द्वारा इस भवन का लोकार्पण भी किया गया, परिणाम स्वरूप यह हादसा सामने आया। वहींराज्य शासन द्वारा इस घटना पर चिंतित नहींहोने पर भी सांसद भूरिया ने मध्यप्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार को गरीब आदिवासी बहुल क्षेत्र के लोगों की चिंता नहींहै। उन्होंने राज्य शासन से मृतक परिवार को 10 लाख रुपए व घायलों को दो-दो लाख रुपए मुआवजा तत्काल स्वीकृत करने की मांग की।
इसी के साथ रतलाम शहर से कुछ किलोमीटर स्थित धामनोद में डायरिया फैलने का मुद्दा भी सांसद भूरिया ने लोकसभा में उठाया। सांसद भूरिया ने कहा कि डायरिया से 200 ग्रामवासी चपेट में है और उल्टी-दस्त से उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। यह सब दूषित पानी पीने से हुआ है। क्षेत्र में स्वच्छ जल पीने के लिए उपलब्ध नहींहै, हैंडपंपों से भी दूषित पानी आ रहा है और जिला प्रशासन उदासीन बैठा है जिसके कारण यह बीमारी फैली है। सांसद भूरिया ने कहा कि ग्रामवासी शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहींहोने के कारण सीमावर्ती गुजरात-राजस्थान राज्यों में पलायन को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि राज्य शासन इस ओर कदम उठाए नहींतो डायरिया बीमारी महामारी का रूप ले लेगी, वहींभूरिया ने राज्य शासन से डायरिया से हुई मौत पर पीडि़त परिवार को 10 लाख रुपए आर्थिक सहायता एवं प्रभावित परिवारों को उचित इलाज करने की मांग की है।

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