प्याज लेकर मंडी पहुंच रहे किसान, अपने खर्च पर तुलवाने जाना पड़ रहा 12 किमी दूर

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट
पेटलावद। स्थानीय कृषि उपज मंडी में समर्थन मूल्य पर किसानों को अपना प्याज बेचना काफी महंगा पड़ा रहा है क्योकि एक और किसान प्याज के भाव जमीन पर आने के बाद पहले ही परेशान है और अब जब शासन ने प्याज को 6 रुपए प्रतिकिलो से समर्थन मूल्य पर खरीदना शुरू किया तो प्याज खरीदी के लिए बनाये गये विपणन सहकारी संघ की लचर सुविधाओं के चलते अपने प्याज बेचने आये किसान खासी मुसीबतों का सामना कर रहे है। पेटलावद में समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदी के लिए कृषि उपज मंडी को केन्द्र बनाया गया है लेकिन यहां स्थित तौल कांटा खरीदी के दिन से ही खराब पड़ा है। इधर किसान अपने ट्रैक्टरों में प्याज भरकर ला रहे है और लंबे समय से बंद पड़े तौल कांटे से परेशान किसान समीप के ही एक स्थानीय तौल कांटे पर ट्रैक्टर का वजन और फिर खाली ट्रैक्टर का तौल करवाने के लिए मशक्कत करना पड़ रही है।
निजी तौल कांटा भी हुआ खराब-
किसानों को जाना पड़ रहा 12 किमी दूर ग्राम बामनिया- इस बीच किसानों को सांसत में डालने वाली खबर आयी है कि मंडी में खराब तौल कांटे के बाद किसान अपने ट्रैक्टर्स को पेटलावद में ही एक निजी तौल कांटे पर अपने निजी खर्च से प्याज तुलवाने के लिए भटकना पड़ता था लेकिन बीते दिनों उसके खराब होने के बाद अब किसानों को यहां से 15 किमी दूर ग्राम बामनिया जाना पड़ रहा है। इस मुसीबत से किसान खासे आक्रोशित हो गये है। किसान जगदीश सेंचा, कन्हैयालाल आंजना, रामलाल, श्यामलाल का कहना है कि किसानों को अपने वाहनों का डीजल और समय बिगाड़ कर यहां से बामनिया जाना पड़ रहा है ऐसे मे किसानों को चार राउंड बामनिया जाना पड़ रहा है। जबकि समर्थन मूल्य पर किसान पहले की बहुत कम मूल्य पर अपना प्याज बेच रहा है और ऐसे में मंडी प्रशासन की लापवाही के कारण तौल कांटा खराब पड़ा है जिसे अभी भी नहीं सुधारा जा रहा है जबकि किसान परेशान हो रहे है। इधर आक्रोशित किसानों का कहना है कि मंडी में अन्य निर्माणों पर शासन द्वारा करोड़ों खर्च किये जा रहे वही मंडी में उपज तौलने के लिए आवश्यक तौल कांटे पर खर्च करने के लिए मंडी प्रबंधन के पास पैसा नही है। इस तरह की बात किसानों का हजम नही हो रही है।
जिम्मेदार बोल-
प्याज खरीदने के पहले शासन द्वारा आवश्यक गोडाउन व अन्य सुविधांए जैसे तौल कांटे की व्यवस्था करवाना थी। हम जल्द ही तौल कांटा सुधरवा रहे है।
-उत्सवलाल गुप्ता, सचिव-कृषि उपज मंडी

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