झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
शिविर में जीव को सत्संग मिलता है और सत्संग से सदगुण, सुसंस्कार, सुशिक्षा, सव्यवहार और सदविचार आते है। संस्कारों के आभाव में बच्चों में आये दिन नैतिक पतन हो रहा है जिसके दुष्परिणाम आज दिखाई भी दे रहे हैं। जीव को प्राय: पुण्य कार्य करने की प्रेरणा दी जाती है क्योंकि पाप प्रवृति तो उसकी जन्म से जुड़ी हुई है। बच्चों में जैनत्व की रक्षा के लिए धार्मिक संस्कार शिविर का आयोजन होता है। 14 से 24 वर्ष की आयु में दिए गए सुसंस्कार उनके जीवन में सदगुणों का विकास करते है। उक्त प्रवचन धार्मिक संस्कार शिविर के समापन पर पौषध भवन पर विराजित जिनशासन गौरव आचार्य देवेश पूज्य उमेशमुनि मसा के प्रशिष्य प्रवर्तक पूज्य जिनेंद्रमुनिजी की आज्ञानुवर्ती साध्वी पूज्या श्रीमधुबालाजी व पूज्या सुनीताजी ने शिविरार्थियों संयुक्त रूप से कहे। पूज्याश्री ने कहा कि व्यवहारिक शिक्षा के लिए तो की स्कूल और इंस्टीट्यूट है लेकिन धार्मिक संस्कार शिविरों के माध्यम से बच्चों में सव्यवहार आते है उन्हें सप्त कुव्यसन का त्याग करने की प्रेरणा दी जाती है जिससे वे अच्छे नागरिक बनते है। थोड़े समय में अधिक ज्ञान को प्रदान करने के लिए ही संघ शिविर आयोजित किये जाते है। पूज्यश्री ने सभी बच्चों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा की शिविर में सीखें ज्ञान का निरंतर अभ्यास उसे चिर स्थाई बनाएगा। श्रीमहावीर जैन पाठशाला के तत्वाधान में पूज्या श्री के सानिध्य में आयोजित धार्मिक शिक्षण शिविर में 90 बच्चों के अलावा 86 श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लेकर ज्ञानार्जन किया। शिविर में मोक्षित कांकरिया, भव्य घोड़ावत, नमन डांगी, निशीथ जैन, हितांश व्होरा, ख्याति रुणवाल, मुक्ति रुणवाल, माही श्रीमाल, चेलना छाजेड़, आदिति कांकरिया, दृष्टि व्होरा, प्रगति जैन और भव्यांश व्होरा ने विशेष स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार श्राविकाओं में नीता छाजेड़ व मनीषा चोपड़ा ने प्रथम तथा खुशबु कांठेड व प्रीति चौरडिय़ा ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। शिविर में भाग लेने वाले सभी शिविरार्थियों को महावीर जैन पाठशाला और सुभद्रा राजेशजी बरेडा मुम्बई की ओर से पुरस्कार प्रदान किये गए। श्रीसंघ अध्यक्ष रमेशचंद्र चौधरी और पूर्व सचिव जितेंद्र घोड़ावत ने पूज्या श्री का अनंत उपकार माना। शिविर के सफल आयोजन में पाठशाला संचालिका साधना रुणवाल, सुनीता घोड़ावत, संध्या भंसाली, संघ के पूर्व मंत्री प्रदीप गादिया, ललित जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष ललित भंसाली, मंत्री चिराग घोड़ावत, श्री महावीर जैन पाठशाला संचालक पवन नाहर, अजय रुणवाल, विकास पोरवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभा का संचालन स्वाध्यायी भरत भंसाली ने किया आभार श्रीसंघ के मंत्री राजेन्द्र व्होरा ने माना।
मधुबालाजी का विहार
धार्मिक संस्कार शिविर में अपनी पावन नेश्राय प्रदान करने के बाद पूज्या श्री का विहार सूर्योदय के साथ मेघनगर कि ओर होगा। ज्ञातव्य है कि मेघनगर में पूज्या संयंमप्रभाजीआदि ठाणा तथा पूज्या निखिलशिलाजी आदि ठाणा पहले से ही विराजित होकर महति धर्म प्रभावना कर रहे है।
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