सत्संग से दिलों में बदलाव लाया जा सकता है- जगदगुरू कृष्णमणि

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7छह दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का भंडारे का साथ हुआ समापन
झाबुआ । श्रीकृष्ण प्रणामी संप्रदाय द्वारा आयोजित श्री मदभागवत कथा के पांचवे दिन श्रीकृष्ण प्रणामी धर्माचार्य जगतगुरू आचार्य कृष्णमणिजी महाराज विशेष रूप से उपस्थित रहे और उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वचन देते हुए कहा कि भागवत कथा से आदिवासी क्षेत्रों में नवऊर्जा प्राप्त होगी। उन्होने देश मे व्याप्त भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि प्रशासन में हर जगह भ्रष्टाचार की दीमक लगी हुई है। इसके लिए आध्यात्मिकता का प्रभाव बढ़ेगा तो भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने में काफी मदद मिलेगी। जगदगुरू ने कहा कि सत्संग से दिलों में बदलाव लाया जा सकता है और देश मेंं फिर से सुशासन स्थापित हो सकता है। उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि श्रीकृष्ण का पूरा परिवार आध्यात्मिक परिवार रहा है। नंद बाबा के रोम रोम में आनंद व्याप्त रहता था, जिसके दिल में आनंद होता है उसे अलौककि अनुभूति प्राप्त हाती है। जिसके दिल मे आनंद होता है वही नंद कहलाता है। कृणमणी ने आगे कहा कि श्रद्धा आस्था एवं सदभाव से प्रसन्नता की अनुभूति होती है। उन्होंने आगे कहा कि प्रेम भक्ति का ही एक स्वरूप है इसे पीने वाला मस्ती मे आ जाता है। प्रभु प्रेम रस पीने वाले को संसार तुच्छ लगता है अैार दुनियादारी के दुख दर्द भूल जाता है। जगदगुरू ने कहा कि श्रीमद भागवत के माध्यम से पूर्ण ब्रह्म श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षात्कार होता है। गौलोकधाम के पति अक्षरब्रह्म के रूप् में भगवान विष्णु प्रत्येक ब्रह्माण्ड में 24 बार भ्रमण करते है वे अलग अलग स्वरूपों मं अवतार लेते है इसीलिये हमारे शास्त्रों में 24 अवतारों का उल्लेख है। उन्होंने खचाखच भरे पांडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण की रास लीला का प्रेरक वर्णन करते हुए अन्नकुट माहात्म्य बताते हुए कहा कि अलग अलग सामग्री को परमात्मा को समर्पित करके एक ही जगह एकत्रित करके भगवान को नैवेद्य अर्पण करके प्रसादी के रूप मे वितरण करने से उसका स्वाद अलग ही होता है। उन्होंने कथा प्रसंग सुनाते हुए कहा कि बुद्धि के साथ श्रद्धा होना जरूरी है अन्यथा केवल बुद्धि से काम लिया जाएगा तो इंसान ठगा जाएगा। उन्होने श्रीकृष्ण प्रणामी सम्प्रदाय के इतिहास के बारे मे भी विस्तार से बताते हुए पूरे देश में 400 से अधिक मंदिर संस्कारधाम आश्रम संचालित होने की जानकारी भी दी वही उन्होंने झाबुआ जिले में भी 108 मंदिर बनाने के संकल्प लेने की बात भी कही।

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