न्यायाधीश ने बताया मध्यस्थता को विवादों से निपटाने का आधुनिक तरीका
जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष बीसी मलैया के मार्गदर्शन में ग्राम पंचायत उमरी में मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम एवं सूक्ष्म विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन सोमवार को किया गया। शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं प्रशिक्षित मीडिएटर देवदत्त उपस्थित थे। देवदत्त ने मध्यस्थता जागरूकता विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि मध्यस्थता विवादों को निपटाने की आधुनिक एवं निष्पक्ष प्रक्रिया है। यह वर्तमान समय की जरूरत है। मध्यस्थता अदालतों के अतिक्ति विवादों को निपटाने का एक कानूनी तरीका है, जो आम नागरिकों को परंपरागत न्याय प्रदान करने वाली संस्थाओं से उनकी जटिल एवं लंबी प्रक्रिया से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ शीघ्र एवं सस्ता तथा नि:शुुल्क न्याय प्रदान करने का साधन है।
योजना की दी जानकारी
जिला विधिक सहायता अधिकारी सिमोन सुलिया ने नि:शुल्क विधिक सहायता एवं सलाह योजना की जानकारी देते हुए बताया कि कोई भी व्यक्ति धन की कमी या अन्य किसी कारण से अपने अधिकारों से वंचित ना हो या वकील के अभाव में अपना पक्ष रखने में असमर्थ है या न्यायालय में अपना मामला लगाना चाहता है, तब ऐसी स्थिति में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पात्र व्यक्ति को मामलों की पैरवी हेतु नि:शुल्क वकील की सुविधा प्रदान करता है। इसके साथ सुलिया द्वारा लोक अदालत की भी जानकारी दी गई। कार्यक्रम में गांव के तड़वी दहरिया डामोर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुनीता डामोर एवं ग्रामीण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विधिक साक्षरता दल के सदस्य जयेन्द्र बैरागी ने किया एवं आभार ग्राम पंचायत सचिव भेरूलाल चावड़ा ने माना।
: शिविर को संबोधित करते न्यायाधीश देवदत्त।
: उपस्थित ग्रामीण।