शिव गंगेश्वर मंदिर प्रांगण में हुआ विराट हिंदू सम्मेलन का आयोजन

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थांदला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में हिंदू सम्मेलन समिति शिवाजी बस्ती थांदला के संपूर्ण सनातन समाज के तत्वावधान में विराट हिंदू सम्मेलन का आयोजन शिव गंगेश्वर मंदिर प्रांगण में आयोजित हुआ कार्यक्रम में अतिथि के रूप में श्री द्वारकाधीश गौ धाम वृंदावन तलवाडा राजस्थान से पधारे गौ सेवक संत श्री रघुवीर दास जी तथा झाबुआ से पधारी अधिवक्ता श्रीमती संगीता राठौर तथा झाबुआ जिले के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक रजत चौहान की गरिमाय उपस्थिति में संपन्न हुआ प्रारंभ में बस्ती वासियों ने संत श्री के स्वागत में चल समारोह का आयोजन किया जिसमें आयोजन स्थल से आरंभ में बनी गौशाला में संत श्री द्वारा गौ माता का पूजन कर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन कर भारत माता का पूजन किया गया अतिथि परिचय व बच्चों द्वारा महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र पर नृत्य गणपति स्तोत्र का पाठ तथा जनजातीय नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में उपस्थित सनातन समाज को संबोधित करते हुए संत श्री रघुवीर दास जी ने कहा की जाति समाज छूत अछूत तेरा मेरा की समाप्त कर सभी सनातन धर्मी हिंदुओं को संगठित होना ही होगा। “धर्मो रक्षति रक्षित:”यदि हम अपने हिंदू धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म निश्चित रूप से हमारी भी रक्षा करेगा। जिहादी प्रचलन के लिए युवा युवतियों को मोबाइल से दूर रखें मोबाइल पर प्रतिबंध करते हुए घर के बड़े लोग रोज बच्चों के मोबाइल चेक करें की कही नादानी में बच्चे गलत राह पर तो नहीं भटक रहे हैं। गर्भवती माता बहने भी मोबाइल का सोच समझकर ही उपयोग करें तथा गर्भवती आता देने की मोबाइल का सोच समझ कर ही उपयोग करें गर्भास्थ शिशु जो की भावी भारत का निर्माण का होगा वह देश का सुनागरिक नहीं होगा। धर्मांतरण पर नियंत्रण हुआ है किंतु रोक नहीं लगी है सजग रहे शताब्दी वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए भारत को पुनः विश्व गुरु निर्मित करने में अपना पूर्ण मनोयोग से समर्पण प्रदान करने का कृत संकल्पित होने का आह्वान किया। मंच पर उपस्थित अधिवक्ता श्रीमती संगीता राठौर ने भी संबोधित करते हुए कहा हिंदू जीवन पद्धति में सबसे छोटी इकाई मनुष्य नहीं परिवार है इस परिवार की धूरी है मां। माही परिवार को संस्कार देखा पालन करती है। भारत में स्त्री व पुरुष एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी नहीं अलग-अलग नहीं एक दूसरे के पूरक हैं। अर्धनारीश्वर की तरह। शताब्दी वर्ष में समाज को अपने छोटे-छोटे कार्यों dvara पांच परिवर्तन करने का आग्रह किया गया जिसमें स्वदेशी पर्यावरण कुटुंब प्रबोधन नागरिक अनुसार सामाजिक समरसता इन पांच बातों को अपने जीवन में उतारकर राष्ट्र की उन्नति में सहभागी बनने का आग्रह किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में  रजत चौहान द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि सामान्यजन में देश भक्ति जागृत करने में गौरवशाली इतिहास को भूला चुके हिंदू समाज में गौरवबोध कराने के उद्देश्य से 1925 की विजयादशमी को नागपुर में संघ की स्थापना हुई। उन्होंने भारत में हुए कश्मीर में कबाइली आक्रमण तथा गोवा मुक्ति आंदोलन में स्वयंसेवकों की अहम भूमिका को बताया तथा पन्नाधाय का त्याग और समर्पण भी बताया जिस प्रकार से पन्नाधाय ने अपने पुत्र को राष्ट्र के लिए समर्पित किया वह समर्पण क्या इस समय माताओं में है क्या।आज हम सब को राष्ट्र सर्वोपरी का भाव रखते हुए संगठित होना पड़ेगा। कार्यक्रम के समापन शिवाजी बस्ती के अंतर्गत संजय कॉलोनी विवेकानंद कॉलोनी शास्त्री नगर दयाल नगर तथा सभी कॉलोनीयों का एक पंक्ति में समरस भोज हुआ।

हिंदू सम्मेलन का उद्देश्य हिंदू समाज में एकता, नैतिक मूल्यों का संवर्धन, धार्मिक सद्भाव और ‘धर्म’ (कर्तव्य/जीवन-शैली) की सही समझ को बढ़ावा देना है, ताकि युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और हिंदुत्व की मूल भावना से जोड़ा जा सके और देश के समग्र विकास में योगदान दिया जा सके।

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