इंडस्ट्रियलाइजेशन के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रधानमंत्री मोदी के सच्चे अनुयाई: अमित शाह
भोपाल/ग्वालियर। ‘प्रदेश के औद्योगीकरण के मामले में ऐतिहासिक काम या तो गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था या फिर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कर रहे हैं। स्ट्रक्चर्ड इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात से की थी। उन्होंने ‘वाइब्रेंट गुजरात’ के नाम से इंडस्ट्रियल समिट आयोजित करने की एक वैज्ञानिक और व्यवस्थित शुरुआत की। इससे राज्य की राजधानी में बड़े स्तर पर इंडस्ट्रियल समिट आयोजित होती थीं और राज्य में व्यापक निवेश आता था। मैं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने राज्य के संतुलित विकास के लिए ‘क्षेत्रीय निवेश कॉन्क्लेव’ की एक नई और दूरदर्शी शुरुआत की है। मध्यप्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में कॉन्क्लेव आयोजित करने और निवेश के भूमिपूजन का जो सिलसिला उन्होंने शुरू किया है, वह आने वाले समय में राज्य के संतुलित विकास के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।’ यह बात केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 25 दिसंबर को कही। केंद्रीय मंत्री शाह पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जन्म जयंती के अवसर पर ग्वालियर में आयोजित ‘अभ्युदय : मध्य प्रदेश ग्रोथ समिट’ को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने 5,810 करोड़ रुपए लागत से औद्योगिक विकास परियोजनाओं-सड़क विकास कार्यों का लोकार्पण किया। उन्होंने 860 औद्योगिक यूनिट को 725 करोड़ रुपए की निवेश प्रोत्साहन सहायता राशि सिंगल क्लिक से वितरित की।
कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्यप्रदेश में बीते दो साल में हुए औद्योगिक विकास पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक और निवेश पुस्तिका का विमोचन भी किया। उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर प्रदेश में सायबर अपराधों को समुचित तरीके से हैंडल करने के लिए प्रदेश में ई-जीरो एफआईआर की शुरूआत भी की। दिल्ली के बाद ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश दूसरा राज्य है। उन्होंने मंच से चार निवेशकों को भूमि आवंटन पत्र एवं लेटर ऑफ इंटेंट प्रदान किए। इस अवसर पर ग्वालियर जिले में 153.04 करोड़ रुपए की लागत वाले 57 निर्माण कार्यों का लोकार्पण और 23.79 करोड़ रुपए लागत के 13 निर्माण कार्यों का भूमिपूजन भी किया गया।

हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज जो 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है, वह देखने में भले ही छोटा लगे, लेकिन किसी एक क्षेत्र के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। किसी क्षेत्र की जनता के लिए यह निवेश अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यदि राज्य का संतुलित विकास नहीं होता, तो राज्य आगे नहीं बढ़ सकता, क्योंकि हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं छिपी होती हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि, जैसे मालवा, ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में कपास लंबे समय से किसानों की प्रमुख फसल रही है, लेकिन उन्हें उसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। अब पीएम मित्र पार्क के आने से पारंपरिक क्षेत्रों में निवेश बढ़ा है और कपास फिर से किसानों के लिए एक लाभकारी फसल बन गई है।
देश के कोने-कोने से जुड़ने पर होगा लाभ
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी विशेषता उसकी भौगोलिक लोकेशन है। यहां से पूरे देश के आधे हिस्से तक बहुत कम ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में आपूर्ति संभव है। लेकिन, इस भौगोलिक लाभ का शत-प्रतिशत उपयोग तभी संभव है, जब राज्य में सिमेट्रिक इंडस्ट्री विकसित की जाए। दक्षिण से जुड़े जिलों में उद्योग स्थापित हों, दिल्ली से जुड़े जिलों, जैसे ग्वालियर में उद्योग लगें, और पश्चिमी क्षेत्रों जैसे धार और झाबुआ में भी औद्योगिक विकास हो। तभी मध्य प्रदेश को अपने भौगोलिक लाभ का वास्तविक फायदा मिलेगा। इसी सोच के साथ यह आयोजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया है। मैं उन्हें हृदय से बधाई देता हू कि उनकी क्षेत्रीय इन्वेस्टमेंट समिट ने प्रदेश के चहुंमुखी विकास की एक मजबूत नींव रखी है।
सबसे तेज गति से विकास कर रहा मध्यप्रदेश
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश अब देश में सबसे तेज गति से विकास करने वाला राज्य बन गया है। बीते सालों की वैश्विक विद्रूपताओं (आर्थिकीय उतार-चढ़ाव) से विलग रहकर अनेकानेक चुनौतियों और संसाधनों के अभाव से उबरकर प्रदेश ने जिस रफ्तार से प्रगति की है, वह पूरे देश को अभिप्रेरित करती है। कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, सिंचाई, उद्योग, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य सुधार, खनन, फार्मा, नवकरणीय ऊर्जा और वृहद संख्या में आधारभूत अवसंरचनाएं, हर क्षेत्र में मध्यप्रदेश आज अग्रणी राज्यों की पंक्ति में खड़ा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने अपनी नई सोच, उद्यमशीलता, प्रगतिशील दृष्टिकोण और नवाचारों के माध्यम से विकास के ऐसे मानक स्थापित किए हैं, जिनका अनुसरण अब अन्य राज्य भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है और नि:संदेह यह तय है कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि में मध्यप्रदेश का योगदान सबसे बड़ा होगा। उन्होंने प्रदेश के नेतृत्व और प्रशासनिक क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि यहां निवेश के लिए अनुकूल वातावरण, स्पष्ट नीतियां और मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई देती है। इन्हीं सभी प्लस फैक्टर्स से ही मध्यप्रदेश ने इस साल देश में बड़ी संख्या में निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं। इस मामले में मध्यप्रदेश ने देश में तीसरा स्थान हासिल किया है।

ग्वालियर ने देश को ऊर्जा और गति दी है
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह ने कहा कि स्वर्गीय अटल की जयंती पर आयोजित अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट से राज्य के विकास को गति मिलेगी। ग्वालियर क्षेत्र ने सालों से देश को ऊर्जा और गति दी है। मुगलों के साथ संघर्ष के समय भी ग्वालियर क्षेत्र में थाना लगाया गया था। तानसेन के संगीत ने देश की सांस्कृतिक विरासत को नई गति दी है। इसी क्षेत्र में आजादी के कालखंड और देश की आजादी के बाद सेना और पैरा मिलिट्री फोर्स में सर्वाधिक जवान देने का कार्य किया है। ग्वालियर की भूमि ने ही स्व. अटल जी को विराट व्यक्तित्व प्रदान किया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सभा में हिन्दी में भाषण देकर हिंदी को गौरव दिलाया। स्व. अटल के नेतृत्व में ही देश में पहली बार जनजातीय कार्य विभाग बना और जनजातीय कल्याण को गति मिली। स्व. अटल जब प्रधानमंत्री बने तब देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को उतना महत्व नहीं दिया जाता था। उन्होंने देश को सड़क विकास परियोजनाओं को सौगात दी। उन्होंने देश को परमाणु संपन्न राष्ट्र बनाया। करगिल युद्ध में विजय उनके दृढ़ निश्चयी महान व्यक्तित्व की परिचायक है। वे राजनीति के महामानव थे, अजात शत्रु थे, वे सच्चे अर्थों में युग दृष्टा थे। केंद्रीय मंत्री शाह ने स्व. अटल जी के साथ-साथ पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती और श्री सी. राजगोपालाचारी की पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें भी श्रद्धांजलि दी।
प्रगति के पथ पर दौड़ता मध्यप्रदेश
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि विपक्षी दलों की सरकार में मध्यप्रदेश एक बीमारू राज्य हुआ करता था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस राज्य को बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर लेकर आए। अब मुख्यमंत्री डॉ. यादव मध्यप्रदेश को विकसित राज्य बना रहे हैं। मध्यप्रदेश में सड़क एवं सिंचाई के लिए विकास कार्य हो रहे हैं। सिंचाई के रकबे में 17 प्रतिशत बढ़त हासिल हुई है। मध्यप्रदेश ने पंजाब और हरियाणा को पीछे छोड़कर सात बार लगातार कृषि कर्मण पुरस्कार जीता है। देश की केन्द्रीय और आकर्षक भौगोलिक स्थिति का शत-प्रतिशत दोहन करने के लिए इंदौर में एक मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क विकसित किया जा रहा है। यह देश विदेश के निवेशकों और उद्योगपतियों को आकर्षित कर रहा है। आज मध्यप्रदेश के पास सरप्लस बिजली है। स्वच्छता में भी मध्यप्रदेश ने सबको पीछे छोड़ा है। मेट्रो परिचालन देश में सबसे सस्ता मध्यप्रदेश में है। प्रदेश में कृषि, टूरिज्म, उद्योग हर क्षेत्र में नए उद्योग-धंधे लगे हैं और नए स्टार्टअप भी विकसित हुए हैं। इन स्टार्टअप में से 50 प्रतिशत स्टार्टअप महिलाएं संचालित कर रही हैं। मध्यप्रदेश ने एक साल में 4.57 लाख से अधिक नई एमएसएमई यूनिट पंजीकृत करने का रिकॉर्ड बनाया है। मध्यप्रदेश लघु एवं कुटीर उद्योग में देश का कॉटेज इंडस्ट्री हब बनने जा रहा है।
किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि देश का पहला पीएम मित्रा पार्क फाइव-एफ के विजन पर आधारित है, इसका सर्वाधिक लाभ किसानों को ही मिलने वाला है। यहां फार्म से फाइवर, फाइवर से फैक्ट्री, फैक्ट्री से फैशन और फैशन से फॉरेन एक्सपोर्ट तक की सभी व्यवस्था होगी। मध्यप्रदेश ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उल्लेखनीय कार्य किया है। इस मामले में भारत जल्द ही दुनिया में ग्लोबल लीडर बनेगा। हम सेमीकंडक्टर सेक्टर में आत्मनिर्भर बनेंगे और इसका निर्यात भी करेंगे। भारत ने डिजिटल इंडिया में सबसे अधिक विकास किया है। सितंबर 2025 तक देश में 125 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन हैं। यूपीआई के माध्यम से फिनटेक सेक्टर में बड़ी छलांग लगाई है। विश्व के कुल डिजिटल ट्रांजैक्शन में 50 प्रतिशत भारत में हुए हैं। भारत सरकार ने कोरोना वैक्सीन निर्माण में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। आज विश्व की 60 प्रतिशत वैक्सीन भारत में बनती है। खिलौनों के निर्माण और सैन्य उपकरणों के निर्माण में भी उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में 1 लाख 50 हजार किलोमीटर नए राष्ट्रीय राजमार्ग बने हैं। देश में अब 163 हवाईअड्डे हैं। देश में 164 वंदेभारत ट्रेन हैं और इनके कलपुर्जे मध्यप्रदेश में बनेंगे। देश में 23 मेट्रो कनेक्टेड शहर हैं। आज देश की 2 लाख 14 हजार पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्टेड हैं। केन्द्रीय मंत्री शाह ने मध्यप्रदेश के युवाओं और निवेशकों से कहा कि वे बेहिचक मध्यप्रदेश में अपने उद्यम और उद्योग लगाएं। मध्यप्रदेश इतना अधिक फर्टाइल है कि यहां कुछ रुपया निवेश करके करोड़ों कमाए जा सकते हैं। इस दिशा में राज्य सरकार ने निसंदेह अभिनव पहल की है। मध्यप्रदेश के क्षेत्रीय विकास और आर्थिक संतुलन में उद्योग एवं निवेश एक बड़ी भूमिका निभा रहा है।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मध्यप्रदेश गढ़ रहा निवेश, रोजगार और समावेशी विकास का नया मॉडल- मुख्यमंत्री डॉ. यादव
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश निवेश, रोजगार और समावेशी विकास का एक नया मॉडल गढ़ रहा है। अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट से प्रदेश में औद्योगिक विस्तार को नई गति मिलेगी और युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब साकार होती संभावनाओं का अग्रणी केंद्र बन चुका है। उन्होंने कहा कि आज का यह आयोजन प्रदेश के उज्जवल औद्योगिक भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मध्यप्रदेश में निवेश हर मायने में फायदे का सौदा है। मध्यप्रदेश, देश का दिल होने के साथ-साथ देश की आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रमुख पड़ाव है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अनंत संभावनाएं लिए हुए है। देश के मध्य में स्थित होने के कारण मध्यप्रदेश व्यापार, व्यवसाय, उद्योग-धंधे लगाने से लेकर अपने उत्पाद को निर्यात करने के लिए एक अनुपम केंद्र बन रहा है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने मध्यप्रदेश को “भारत का विकास और अवसरों का केंद्र” बताते हुए सभी निवेशकों से प्रदेश में निवेश जरूर करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश आज उन चुनिंदा राज्यों में है, जहाँ प्राकृतिक संसाधन, उद्योग-अनुकूल नीतियां, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थिर शासन, सभी निवेशकों के लिए आदर्श वातावरण तैयार करते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश अपनी कई विशिष्ट पहचानों के कारण पूरे देश में अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 18 नई उद्योग-अनुकूल नीतियां, विस्तृत लैंड बैंक, भरपूर जल उपलब्धता, स्किल्ड मानव संसाधन, उत्कृष्ट लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी और पारदर्शी प्रशासन निवेशकों को सर्वोत्तम वातावरण प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, फार्मा, आईटी और पेट्रोकेमिकल्स जैसे सभी प्रमुख सेक्टरों में निवेश के व्यापक अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने निवेशकों को औद्योगिक सहयोग के साथ-साथ शिक्षा, अनुसंधान, संस्कृति, कौशल विकास, अवसंरचना और पर्यटन में साझेदारी के लिए आमंत्रित किया।
