करोड़ों की फ्लोरोसिस नियंत्रण योजना कागजों में सीमित, रख-रखाव के नाम पर हर साल बजट आने के बावजूद टंकियां सूखी पड़ी हैं
जितेंद्र वाणी, नानपुर
आलीराजपुर जिले के नानपुर क्षेत्र सहित 35 गांवों में फ्लोरोसिस की समस्या से निपटने के लिए लागू की गई करोड़ों रुपये की सरकारी योजना भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार इन क्षेत्रों में बनाई गई पानी की टंकियों में पिछले दो वर्षों से एक बूंद पानी नहीं पहुंचा है और न ही इनकी कभी सफाई की गई है। आलम यह है कि जो टंकियां ग्रामीणों को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए थीं, वे अब केवल जानवरों को बांधने और चारा रखने के काम आ रही हैं।

क्षेत्र के पानी में फ्लोरोसिस की अत्यधिक मात्रा होने के कारण कम उम्र में ही लोगों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं और ग्रामीण लाठी के सहारे चलने को मजबूर हैं, लेकिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग इस योजना को धरातल के बजाय केवल कागजों में संचालित कर रहा है।

इस मामले में प्रशासन की उदासीनता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रख-रखाव के नाम पर हर साल राशि तो निकाली जा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर कई टंकियां क्षतिग्रस्त कर दी गई हैं। जब इस अव्यवस्था की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की गई, तो विभाग ने पाइप लाइन टूटने का बहाना बनाकर जल्द सुधार का आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लिया। भाजपा नगर अध्यक्ष घनश्याम माली ने भी इस स्थिति की पुष्टि करते हुए बताया कि उनकी दुकान के पास स्थित टंकी में वर्षों से पानी नहीं आया है और वह अब केवल प्रचार-प्रसार का माध्यम बनकर रह गई है। इस गंभीर संकट को देखते हुए सरपंच सकरी समरथ सिंह मौर्य ने अब विभाग को पत्र लिखकर जल्द से जल्द जलापूर्ति सुचारू करवाने की बात कही है।
प्रभारी मंत्री से भी हो चुकी है शिकायत
पिछले दिनों जिले के दौरे पर आई जिले की प्रभारी मंत्री संपतिया उईके से भी इस मामले में शिकायत की गई थी। तब उन्होंने निराकरण का भरोसा दिलाया था। हालांकि अब तक इस ओर कोई पहल नजर नहीं आ रही।