फ्लोरोसिस से बचाने के लिए बनाई गई पानी की टंकी बनी शो पीस

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जितेंद्र वाणी, नानपुर

आलीराजपुर जिले के नानपुर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग द्वारा फ्लोरोसिस की समस्या से जूझ रहे आदिवासी अंचलों के ग्रामीणों के लिए बनाई गई लाखों रुपये की शुद्ध पेयजल योजना की टंकियां वर्षों से सूखी पड़ी हैं। ये टंकियां अब ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब और केवल प्रचार का साधन बनकर रह गई हैं।

नानपुर सहित आसपास के आदिवासी क्षेत्रों में भूमिगत जल में फ्लोरोसिस की मात्रा अधिक होने के कारण ग्रामीणों के स्वास्थ्य को खतरा है, इसी से निजात दिलाने के लिए यह योजना शुरू की गई थी। ग्रामीणों के अनुसार, योजना के तहत बनी पानी की टंकियां वर्तमान में केवल ‘शो पीस’ हैं और इनमें वर्षों से पानी नहीं आ रहा है। टंकियों पर लगे महंगे वाल्व गायब हो चुके हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन टंकियों के अंदर कचरा और गंदगी भरी हुई है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस योजना के रखरखाव के लिए बजट आता है, लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा। फ्लोरोसिस जैसे गंभीर रोग से बचाव के लिए शुरू की गई यह महत्वाकांक्षी योजना लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते विफल साबित हो रही है।

इस मामले को लेकर जब लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग के अधिकारियो से चर्चा करने के लिए मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने मोबाइल रिसिव नहीं किया। वहीं जब नानपुर सरपंच सकरी समरथ सिंह मौर्य को स्थिति बताई गई तो उन्होंने कहा पूरे नानपुर व आस पास फ्लोरोसिस की पानी की टंकियां खराब हो रही है। वर्षों से इनमें पानी नहीं आ रहा है, न टंकियों में नल लगे हैं। ग्रामीण इसका इस्तेमाल जानवर बांधने व निजी प्रचार करने के लिए कर रहे हैं। हम जल्द इसकी वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत करेंगे।

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