रेत माफियाओं के आगे नतमस्तक खनिज अधिकारी, डंपर मालिक बिना रॉयल्टी और ओवरलोड से राजस्व को लगा रहे चूना

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लवेश स्वर्णकार, रायपुरिया

शनिवार को खनिज विभाग की दिखावटी कार्रवाई के बाद रात के अंधेरे में फिर ओवरलोड डंफर का खेल शुरू हो गया हे। धीरे धीरे मामला ठंडा होते ही रेत माफियाओं का चमकदार रेत का काला खेल फिर शुरू होगा। दरअसल खनिज विभाग ने शनिवार को मनमानी करके किस डंफर को पकड़ना किसको छोड़ना हे तय किया था ?

ज्ञातव्य हे कि गुजरात राजस्थान की बालू रेत का अवैध परिवहन नाम मात्र की रॉयल्टी चुकाकर ओवरलोड रेत भरकर शासन के राजस्व को चुना लगा रहे रेत माफिया।

रेत माफियाओं के चुनिंदा डंफर पर शनिवार हुई कार्रवाई का कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा हे क्योंकि जानकार बताते हे कि यह काला खेल रोजाना चलता हे खाना पूर्ति के लिए समय समय पर विभाग कार्रवाई करता हे जितना दंड भरवाया जाता हे इससे कई अधिक गुना इस रेत के काले खेल में कमाई भी की जाती हे जब जब विभाग की दिखावे की कार्रवाई होती दो चार दिन बाद फिर यह काला खेल शुरू हो जाता हे।

बिना रॉयल्टी ओर दिखावे की रॉयल्टी से रेत माफियाओं का अवैध परिवहन का काला खेल एक डंफर की रॉयल्टी से कई डंफर चल रहे

दरअसल रेत माफियाओं के दर्जनों डफर होते हे इक्का दुक्का डंफर की रॉयल्टी भरकर एक डंफर की आड़ में कई डंफर से रेत का अवैध परिवहन करके रेत माफिया मालामाल हो रहे हे। रायपुरिया में खनिज विभाग की मिलीभगत से रायपुरिया के कल्याणपुरा रोड पेटलावद बायपास तथा टोल कांटो के समीप ओवरलोड डंफर आकर खड़े रहते हे शनिवार की कारवाही के बाद अब यह खेल दिन की बजाय रात में शुरू हो चुका हे हमारे सूत्र बता रहे की डंफर मालिक अपने फायदे के लिए खनिज विभाग से सांठ गांठ कर ओवरलोड रेत परिवहन कर राजस्व को भारी चुना लगा हे इधर डंफर के हर एक मालिकों ने अपनी ओवरलोड रेत को बेचने के लिए रायपुरिया में दलाल नियुक्त कर रखे हे सूत्र बताते हे डंफर मालिक इन दलालों को 1500 से 2000 रुपए तक का कमीशन प्रति डंफर देते हे ओर दलाल रेत माफिया का प्रति टन का जो भाव आता हे उस भाव से अतिरिक्त भाव में रेत को ग्राहकों को बेचकर एक डंफर पर अनुमानित 3 से 4 हजार का मुनाफा कमाते हे जिससे यह भार आम ग्राहक पर पड़ता हे सूत्रों की माने तो रेत माफिया शासन को चुना लगा रहे हे ओर दलाल दलाली के अलावा अपने भाव में रेत बेचकर आम जनता को चुना लगाकर चांदी काट रहे हे।

उक्त दलालों के मोटे कमीशन ओर इनका अतिरिक्त तय भाव से आम जनता के सपनो का घर महंगा बन रहा हे छोटे व्यक्ति के मकान बनाने का सपना महंगाई की मार ओर रेत माफिया और दलालों के कमीशन के खेल ने ध्वस्त कर दिया हे ।

शासन प्रशासन में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों को इन रेत माफिया के हर डंफर की निगरानी प्रतिदिन करने के लिए दिन ओर रात के अंधेरे में चेकिंग पोस्ट लगाकर की जाना चाहिए शासन से मोटी सेलरी लेने वाले अधिकारी जिनका जिम्मा शासन को राजस्व का फायदा करवाने की हे सूत्र कहते सांठगांठ से शासन को राजस्व का नुकसान पहुंचाकर, रेत माफियाओं को फायदा पहुंचाने वाले अधिकारी ओर दलालों के कमीशन के खेल से आम जनता के सपनो का घर महंगा बन रहा हे। ओर इस कारण ही निमार्ण करवाने वाले व्यक्ति को बालू रेत महंगे भावों में खरीदने के लिए विवश होना पड़ता है।

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