सिकलसेल मरीजों को नहीं मिल पा रही दवाइयां, जिला मुख्यालय पर मिल रही दवाई लेकिन ब्लॉक में नहीं

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खरडू बड़ी। सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम और नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन चलाया जा रहा है, जिसे 2023 में लॉन्च किया गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों और अन्य उच्च प्रसार वाले राज्यों के प्रभावित जिलों में 0 से 40 साल की उम्र के लोगों की व्यापक जाँच करके, 2047 तक देश से सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करना है। 

इसमें स्क्रीनिंग, परामर्श, और फोलिक एसिड जैसी पोषण संबंधी सहायता प्रदान करना शामिल है। लेकिन झाबुआ जिले के रामा ब्लॉक के गांव खरडू बड़ी के आरोग्यम केंद्र पर सिकलसेल एनीमिया के लिए लोगो को कैप हाइड्रॉक्सीयूरिया फोलिक एसिड नामक दवाइयां नहीं मिल पा रही है जिससे कि मरीजो को जिले में जाकर  इस दवाई को लाना पड़ रही है ।शासन की योजना है कि 2047 तक देश से सिकलसेल एनीमिया समाप्त करना है लेकिन यहाँ तो ग्रामीण क्षेत्रों के आरोग्यम केंद्रों पर  दवाइयां नहीं मिल पा रही है तो कैसे इसे समाप्त किया जाएगा। यदि सिकलसेल जैसी बीमारी की दवाइयां ब्लॉकों को छोड़ कर जिले में मिल रही है तो ग्रामीण क्षेत्रों के लोग जिनके परिवार में सिकलसेल के मरीज है उनको कैसे दवाई प्रदान होगी हर कोई जिले में जाकर दवाई लाने को सक्ष्म नहीं हो सकता है जिले में मिल सकती है तो ब्लॉक में क्यों नहीं मिल पा रही है क्या ब्लॉक के अधिकारियों को केंद्रों पर जाकर सर्वे नहीं करना चाहिए कि क्या चीजें और कौनसी दवाइयां केंद्रों पर नहीं है जिससे वह केंद्रों पर उपलब्ध करवा सके। क्या अधिकारी सिर्फ कोई कैम्प लगाना हो या कोई आलाधिकारी द्वारा विजित किया जाता है जब ही केंद्रों पर जाकर केंद्रों का सर्वे किया जाता है?

छोटू पिता नमन डामोर ने बताया कि हम खरडू बड़ी केंद्र पर सिकलसेल की दवाई लेने गए थे । पहले हमको केंद्र से दवाई दी जा रही थी  लेकिन इस बार मेरे बच्चे की दवाइयां खत्म हो गई तो मुझे मैडम द्वारा बोला गया कि हमारे यहाँ अभी  सिकलसेल की कैप हाइड्रॉक्सीयूरिया फोलिक एसिड नामक दवाइयां नहीं है ब्लॉक से हमको नहीं मिल पा रही है जिसके कारण आपको जिले से दवाई लानी होगी।

उपस्वास्थ्य केंद्र की सीएचओ मायावती डामोर से सिकलसेल की दवाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ब्लॉक से हमारे पास कैप हाइड्रॉक्सीयूरिया फोलिक एसिड नामक दवाइयां नहीं आ रही है जिसके कारण हम सिकलसेल एनीमिया के मरीजो को दवाइयां नहीं दे पा रहे है। यहाँ करीबन 9 मरीज सिकलसेल के है।

बीएमओ डॉ. शैलेश बबेरिया का कहना है कि सिकलसेल की दवाइयां केंद्रों पर उपलब्ध है लेकिन किन मरीजो को नहीं मिल रही। इसमें डिसेस ओर ट्रेड वाहक वाले मरीज होते है  यह कंफर्म करना पड़ेगा किस मरीज को दवाइयां नहीं मिल पा रही है।

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