डॉ. अशोक बलसोरा, झाबुआ
भारत सहित संपूर्ण विश्व ग्लोबल वार्मिंग के दंश से जूझ रहा है और ऐसे में विभिन्न स्तरों से पर्यावरण संरक्षण संवर्धन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं लेकिन सेवार्थ मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप चौधरी ने इस मिशन को एक अलग रूप स्वरूप देते हुए जमीनी स्तर से मॉनिटरिंग के साथ में सुरक्षित रखते हुए प्रकृति को संतुलित करने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके अंतर्गत टेंट सिटी अहमदाबाद में राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग एवं सेव अर्थ मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दयाराम मिश्रा एव संदीप चौधरी दोनों ने इस नेक अभियान को जन-जन तक पहुंचते हुए धरती मां की सुरक्षा और पुनः हरी-भरी बनाने के के लिए दोनों ही भारत की प्रमुख संस्थाओं ने एक मंच एक बैनर तले एकजुट होकर टेंट सिटी में उपस्थित सैकड़ो पदाधिकारी की उपस्थिति में एक एमओयू साइन किया। जिसमें पृथ्वी बचाओ मिशन की शुरुआत की जिसके चलते संपूर्ण भारत में हरियाली लाने का एक जमीनी स्तर का प्रयास किया जाना सुनिश्चित हुआ है जिसमें वर्ष 2040 तक 3000 करोड़ पौधों को लगाते हुए उन्हें पेड़ में परिवर्तित करने का संकल्प लिया गया है।
इसकी पूरी डिजिटल मॉनिटरिंग के साथ में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन पौधों को पेड़ में परिवर्तित करने का प्रयास जन-जन के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित हुआ है सेव अर्थ मिशन के हेड क्वार्टर टेंट सिटी में एक विचार संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसकी अध्यक्षता दोनों ही संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप चौधरी एवं दयाराम मिश्रा के साथ विशेष अतिथियों में राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर रविंद्र मिश्रा मध्य प्रदेश वरिष्ठ प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ एम एल फुलपगरे गुजरात राज्य कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष विशाल पंड्या मध्य प्रदेश महासचिव गोपाल बैरागी सेव अर्थ मिशन के राहुल पांडे भरतपुर जिला अध्यक्ष संजू जी गुजरात प्रदेश सचिव डीडी डामोर मेहसाणा जिला अध्यक्ष सुंदर सिंह के मुख्य अतिथि में कार्यक्रम संपन्न हुआ। इन सभी अतिथियों ने ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए जमीन स्तर पर कार्य करने की बात करते हुए कैसे इसे आने वाली पीढ़ी के लिए सावरा संजोया जा सके इस पर गहन चिंतन मनन किया। साथ ही भारत के रीड की हड्डी माने जाने वाले किसानों के लिए भी कुछ योजनाएं बनाकर खेती को लाभ का धंधा बनाने हेतु प्रयास करने की बात कही वहीं ऑर्गेनिक खेती के लिए भी जोर दिया जा रहा है।

 
						 
			