परिजन ने मरणोपरांत पार्वतीबाई के नेत्रदान कराए, दो लोगों को मिलेगी रोशनी

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जितेंद्र वाणी, नानपुर

नेत्रदान के क्षेत्र में एक और मिसाल कायम हुई है। गायत्री शक्तिपीठ नेत्र संकलन जोबट के प्रयासों से स्वर्गीय पार्वतीबाई (उम्र 67 वर्ष) जो कि नेत्रदानी कैलाशचंद्र वाणी की धर्मपत्नी थीं, का सफल नेत्रदान किया गया। यह इस संस्था द्वारा किया गया 126वां नेत्रदान है।

वाणी परिवार की सराहनीय पहल

नानपुर निवासी वाणी (सेठ) परिवार ने अपनी माताजी के देवलोकगमन (स्वर्गवास) के बाद यह साहसिक और मानवतापूर्ण निर्णय लिया। यह उनके परिवार द्वारा किया गया दूसरा नेत्रदान है, जो समाज के लिए एक प्रेरणा है। परिवार के सदस्यों ने शोक की इस घड़ी में भी दूसरों के जीवन में रोशनी लाने का जो नेक कार्य किया है, वह बेहद सराहनीय है।

जीते जी रक्तदान, मरणोपरांत नेत्रदान

गायत्री शक्तिपीठ नेत्र संकलन ने इस महान योगदान के लिए वाणी परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया है। उनका यह कदम ‘जीते जी रक्तदान, मरणोपरांत नेत्रदान’ के नारे को साकार करता है और समाज को यह संदेश देता है कि रक्तदान और नेत्रदान को अपने परिवार और समाज की परंपरा का हिस्सा बनाना चाहिए। इस पहल से दो जरूरतमंद व्यक्तियों के जीवन में फिर से रोशनी आएगी।

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