महाराणा प्रताप जन्मोत्सव पर शोभायात्रा में केसरिया साफा बांध निकले राजपूत

0

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
petlawad 06 petlawad 04 petlawad 01राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप का जन्मोत्सव राजपुत समाज ने पूर्ण हर्षोल्लास के साथ मनाया। युवा राजपूतों के बैनर तले सोमवार को राष्ट्र नायक महाराणा प्रताप की भव्य शौर्य यात्रा किाली गई। युवा राजपूतो ने इसकी तैयारिया एक दिन पहले से कर ली थी, नगर को केसरिया पताकाओं से सजाया गया था। तहसील के समस्त राजपुत ठिकानो से नगर में राजपूत समाज बड़ी संख्या में एकत्रित होकर शौर्य यात्रा में शामिल हुए। परम्मरागत सतरंगी साफे पहने राजपूत समाज सैकडों सदस्यों ने नगर के प्रमुख मार्गो से शौर्य यात्रा निकाली जो बामनिया स्थित सुंदर गार्डन से शुरू होकर पुन सुंदर गार्डन पहुंची। शोर्य यात्रा में आगे दो घुटसवार चल रहे थे, तो बीच में बैंडबाजे पर महाराणा प्रताप के गीत गुनगुना रहे थे और पीछे जीप्सी में महाराणा प्रताप का चित्र रखकर युवा राजपूत चल रहे थे। केसरिया ध्वज थामे समाजजनो ने जय हिंद…जय महाराणा.., महाराण प्रताप अमर रहे के जयकारे लगाए।
यहां गुजरा काफिला-
महराणा प्रताप जयंती पर निकला काफिला सुंदर गार्डन से शुरू होकर सिर्वी मोहल्ला, जवाहर मार्ग, गणपति चौक, झंडा बाजार, भोई मोहल्ला, गांधी चौक, पुराना बस स्टैंड, नया बस स्टैंड होता हुआ पुन: सुंदर गार्डन 3 घंटे में पहुंचा। यहां यात्रा धर्मसभा में तब्दील हो गई।
इन्होने दिया उदबोधन
समारोह स्थल पर महाराणा प्रताप के जीवन चरित्र पर एक व्याख्यानमाला आयोजित की गई, जिसमें प्रमुख वक्ता समाज के वरिष्ठ सदस्य एवं विचारक विजेन्द्रसिंह चौहान ने कहा कि महाराणा प्रताप ने राजपूत समाज में जन्म लेकर सभी वर्गो की रक्षा की थी। महाराणाप्रताप के राजचिन्ह में एक ओर राजपूत सेनापति तो दूसरी ओर भील सेनानायक थे। उन्होने कहा कि महाराणा प्रताप का इतिहास मैकाले शिक्षा पद्धति के अंतर्गत सोची समझी साजिश के तहत तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है जिनमें कई तथ्य वास्तविकता से कोसों दूर है। किताबों की बात की जाए तो उनमें लिखा हुआ है की महाराण प्रताप ने घास की रोटी खाई है लेकिन यह सही नही है। महारणाप्रताप ही एक ऐसे यौद्धा थे जिन्होंने मुगलों की अधीनता कभी स्वीकार नहीं की। विजेन्द्रसिंह ने माहारणा प्रताप के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाल कर हल्दी घाटी के युद्ध सहित विभिन्न घटनाओं पर धाराप्रवाह विचार व्यक्त कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रारंभ में अतिथियों ने महाराणा प्रताप के चित्र पर दीप प्रवज्जलित कर समारोह का शुभारंभ किया।
इनका रहा विशेष सहयोग
महारणा प्रताप जन्म उत्सव मनाने को लेकर युवाओं में काफी पहले से जोश जागा हुआ था। इसके लिये दो महा से युवाओं के द्वारा बैठके की जा रही थी। परिणाम स्वरूप कई ठिकानों के राजपूत सोमवार को एक साथ दिखे। इस आयोजना का सफल बनाने में नितीराज सिंह देवडा, राजेन्द्र सिंह टेमरिया, जीवन सिंह पंवार, लोकेन्द्र सिंह परिहार, बबल सिंह चौहान, प्रताप सिंह सिसौेदिया, शक्तिसिंह सेमलिया, नीतिराज सिंह बोडायता, रितुराज सिंह राठौर, प्रवीण सिंह रायपुरिया, पंकज चौहान, शानु ठाकुर, सूरज सिंह, शेलेन्द्र सिंह गोड, युवराज सिंह सारंगी, हर्षवर्धन सिंह आदि युवाओं का विशेष ओर सराहनीय योगदान रहा।
कई सामाजिक संगठनों ने किया स्वागत-
शौर्ययात्रा पर सांप्रदायिक एकता की मिसाल देखने को मिली। जहां-जहां से शौर्य यात्रा गुजरी वहां कई सामाजिक संगठनों ने मंच लगाकर राजपूत समाजजनो का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। गांधी चौक में प्रियंका आरो वाटर, पुराना बस स्टैंड पर भाजपा, नये बस स्टेण्ड पर आईमाता मित्र मंडल ने मंच लगाकार स्वागत किया।
समाज में दानदाताओं की कमी नहीं-
समाज के अग्रिनाराणसिंह ने कहा राजपूत समाज में दानदाताओं की कमी नहीं है। अगर कोई युवा गरीबी के कारण आगे नही पढ़ सकता है तो उसे समाज पढ़ऩे के लिए राशि देगा। समाज के वक्ताओ, ठा. हनुमंतसिंह गंगाखेडी, अग्निनारायणसिंह बोड़ायता, भारतसिंह चौहान लोकेन्द्रसिंह राठौर, निलेशसिंह एडव्होकेट बलदेवसिंह राठौर ने भी संबोधित किया। समारोह का संचालन कृष्णपालसिंह गंगाखेडी ने किया व आभार मनोहरसिंह डोडिया ने माना।

Leave A Reply

Your email address will not be published.