मूसलाधार बारिश के बीच निकला भगवान का डोला, इंद्र देव ने किया अभिषेक

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

भादों मास के शुक्ल पक्ष एकादशी को भगवान श्रीकृष्ण जी के जन्म के जलवा पूजन के रूप में मनाया जाता है कृष्ण जन्माष्टमी को श्रीकृष्ण जी जन्म हुआ था और एकादशी को उनका डोला निकाला जाता है,जिसे डोल ग्यारस,या देवझूलनी के नाम से जाना जाता है।

आम्बुआ में भी श्री राम मंदिर प्रांगण से बैंड-बाजों की सु मधुर संगीत मय भजनों पर झूमते थिरकते चल रहे भक्तों के भक्ति की शायद परीक्षा लेने देवराज इन्द्र ने मोर्चा संभाला और मूसलाधार बारिश से उन्हें डिगाना चाहा मगर भक्तों को डिगा नहीं सके और मूसलाधार बारिश में भी झूमते चलते रहे, पंचायत प्रांगण में श्री राम मित्र मंडल द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया, क़स्बे में स्थान स्थान पर डोले की पूजा अर्चना आरती कर ककड़ी का प्रसाद अर्पित किया गया तथा मार्ग में अनेक स्थानों पर भक्तों ने श्रृद्धालुओं को ठंडा पेय पदार्थ आदि पिलाया गया, इसके बाद डोला शंकर मंदिर प्रांगण पहुंचा जहां पर हथिनी नदी में भगवान का जलाभिषेक किया गया तथा पुजारी श्री शंकर लाल पारिख ने महाआरती की , आरती पश्चात भक्तों को महा प्रसादी वितरण की गई।

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