साध्वीश्री निखिलशीलाजी के सान्निध्य में आठ दिवसीय पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व 20 अगस्त बुधवार से होगा प्रारंभ

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थांदला। जिनशासन गौरव आचार्य श्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तक श्री जिनेंद्रमुनिजी की आज्ञानुवर्तिनी साध्वीश्री निखिलशीलाजी आदि ठाणा 4 स्थानीय स्थानीय पौषध भवन पर चातुर्मास हेतु विराजित हैं। साध्वी मंडल के सानिध्य में प्रातः राई प्रतिक्रमण, प्रार्थना, व्याख्यान प्रातः 9 से 10 बजे तक, दोपहर में ज्ञान चर्चा, शाम को देवसीय प्रतिक्रमण, कल्याण मंदिर, चौवीसी व गुरु गुणगान स्तुति आदि विविध आराधनाएं हो रही हैं। जिसमें श्रावक, श्राविकाएं व बच्चें उत्साहपूर्वक अपनी अपनी अनुकूलता अनुसार आराधना कर रहे हैं। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष भरत भंसाली व सचिव प्रदीप गादिया एवं नवयुवक मंडल अध्यक्ष रवि लोढ़ा ने बताया कि साध्वी मंडल के सानिध्य में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा आठ दिवसीय पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व जप, तप, त्याग, धर्म, ध्यान, ज्ञान आदि विभिन्न आराधनाओं के साथ मनाया जाएगा। पर्युषण महापर्व 20 अगस्त बुधवार से प्रारंभ हो रहे है। पर्युषण महापर्व में श्रावक, श्राविकाएं, बच्चें ज्ञान, दर्शन, चारित्र व तप की विशिष्ठ आराधना करेंगे। पर्युषण महापर्व को लेकर समाजजनों में खासा उत्साह छलकता दिखाई दे रहा है।

27 अगस्त बुधवार को होगा संवत्सरी महापर्व

आठ दिनों तक आराधक आराधना में मानो रम जाएंगे। 27 अगस्त बुधवार को संवत्सरी महापर्व मनाया जाएगा। यह दिन पर्युषण महापर्व का आखरी दिन होगा। महापर्व के दौरान प्रतिदिन विविध धार्मिक आयोजन आदि भी होंगे। प्रतिदिन सुबह 8 : 30 बजे से अंतगड़दसा सूत्र का वाचन होगा। वाचन के पश्चात साध्वी मंडल के व्याख्यान होंगे। दोपहर 2 से 3 बजे तक कल्पसूत्र का वाचन होगा। आठों दिन धार्मिक ज्ञानवर्धक प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होगा। शाम को श्रावक वर्ग का प्रतिक्रमण दौलत भवन पर एवं श्राविका वर्ग का प्रतिक्रमण पौषध भवन पर होगा। पर्युषण महापर्व के प्रथम दिन श्रावक-श्राविकाएँ सामूहिक उपवास तप की तपस्या करेंगे। पौषध और संवर की आराधना भी होगी। 20 अगस्त बुधवार से सामूहिक अट्ठाईं (आठ उपवास) व तेला तप (तीन उपवास) की तपस्या प्रारंभ होगी। इसमें कई तप आराधक अट्ठाई (आठ उपवास) व तेले तप की तपस्या करेंगे। 

23 अगस्त शनिवार को पक्खी पर्व मनाएंगे

पर्व के चौथे दिन 23 अगस्त शनिवार को पक्खी पर्व हैं। इस दिन जप, तप, त्याग, तपस्या के साथ पक्खी पर्व मनाया जाएगा। 23 अगस्त शनिवार को तेला सहित समस्त तप आराधकों के सामूहिक पारणे स्थानीय महावीर भवन पर होंगे। पारणे करवाने का लाभ प्रेमलता बहन भंवरलाल, जिनेंद्र,अल्केश,प्रांजल लोढ़ा परिवार परिवार लेंगे। 

भगवान महावीर स्वामी का जन्म वाचन 24 अगस्त रविवार को होगा

महापर्व के दौरान 24 अगस्त रविवार को श्रमण भगवान महावीर स्वामी का जन्म वाचन भी किया जाएगा। जन्म वाचन की प्रभावना का लाभ जुहारमल झमकलाल श्रीमाल परिवार ने लिया है। महापर्व के अंतिम दिन 27 अगस्त बुधवार को संवत्सरी महापर्व मनाया जाएगा।श्रावक-श्राविकाएँ, बच्चें सामूहिक उपवास तप की तपस्या करेंगे। पर्युषण महापर्व के दौरान आठों दिन प्रभावना का वितरण भी किया जाएगा। श्रीसंघ ने समस्‍त श्रावक-श्राविकाओं व बच्चों से पर्युषण महापर्व पर अधिक से अधिक धर्म एवं तप आदि आराधना करने का आह्वान किया है। 

तपाराधकों के सामूहिक पारणे होंगे

श्रीसंघ के कोषाध्यक्ष संतोष चपलोत एवं नवयुवक मंडल सचिव संदीप शाहजी ने बताया कि संवत्सरी महापर्व पर उपवास आदि विभिन्न तप आराधकों के सामूहिक पारणे 28 अगस्त गुरुवार को स्थानीय महावीर भवन पर होंगे। इस दिन पारणे करवाने का लाभ दिलीप कनकमल शाहजी परिवार लेगा। इसी दिन पारणे के बाद सामूहिक क्षमापना का आयोजन पौषध भवन पर होगा। इसमें श्रावक-श्राविकाएँ यहाँ विराजित संयमी आत्माओं से क्षमायाचना करने के पश्चात एक-दूसरे से क्षमापना करेंगे।

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