बच्चों की तस्करी को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया

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आलीराजपुर। बच्चों की तस्करी केवल श्रम या व्यावसायिक, यौन शोषण तक ही सीमित नहीं है कई बच्चों विशेष रूप से लड़कियों को जबरन शादी के लिए भी तस्करी किया जाता है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसकी रिपोर्ट कम होती है और जिस पर कम ध्यान दिया जाता है।

यह बात महिला एव बाल विकास की डीपीओ मोनिका बघेल ने कही। विश्व मानव तस्करी निरोधक दिवस पर विश्व मानव तस्करी निरोधक दिवस के अवसर पर एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन द्वारा संचालित जीवन ज्योति हेल्थ सर्विस द्वारा अलीराजपुर में बुधवार को एक सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन किया। ज्योति हेल्थ सर्विस आलीराजपुर के डायरेक्टर फादर पी थाॅमस ने कहा की कार्यक्रम का उद्देश्य रेलवे सुरक्षा बल के साथ मिलकर बच्चों की तस्करी के बारे में जागरूक करना था। तस्कर अक्सर बच्चों को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने के लिए रेलवे का उपयोग करते हैं यात्रियों, रेलवे कर्मचारियों, विक्रेताओं, दुकानदारों और कुलियों को यह बताने पर था कि बच्चों की तस्करी के संकेतों को कैसे पहचानें और संदिग्ध मामलों की सुरक्षित रूप से रिपोर्ट कैसे करें।

आरपीएफ के गोकुल सिंह ने कहा कि लोगो में मौजूदा कानूनों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, समुदायों को तस्करी नेटवर्क के बारे में संवेदनशील बनाना और सभी एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करना अति आवश्यक है। चाइल्ड लाइन के दीपक डावर ने कहा कि बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए मुकदमा चलाना सबसे महत्वपूर्ण है। तस्करों को दंडित करने पर ही हम डर पैदा कर सकते हैं और वास्तविक निवारण बना सकते हैं।

ममता (यूनीसेफ ) से सुरेश वास्कले ने कहा बाल विवाह रोकने के लिए बालिकाओ को कौशल उन्नयन से जोड़ना होगा जिससे वे नया कौशल सीखकर अपने लिए जीविका अर्जित कर सके। श्रम विभाग के राहूुल मुवेल ने कहा कि जीवन ज्योति हेल्थ सर्विस जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन का एक सहयोगी है और आलीराजपुर जिले में श्रम, तस्करी, विवाह, और यौन शोषण जैसे मामलों में बच्चों को सुरक्षा, बचाव और न्याय को लेकर कार्य कर रहा है। किशोर न्याय बोर्ड के अध्यक्ष रेनसिंग डुडवे ने कहा कि पिछले एक साल में करीब 350 बाल श्रम, तस्करी और बाल विवाह से बच्चों को बचाया है। संस्था की मनीषा बागोले ने बताया कि जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन ने 418 जिलों में 250 से अधिक एनजीओ के साथ बाल संरक्षण कानूनों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कार्यक्रम में संस्था के साधु सस्तीया, दिलीप वाखला आदि उपस्थित थे।

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