“नशे से दूरी है जरूरी” अभियान बना बच्चों की आवाज़, आलीराजपुर में पुलिस-छात्र संवाद हुआ

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आलीराजपुर। पुलिस मुख्यालय, मध्यप्रदेश, भोपाल के निर्देशानुसार दिनांक 15 जुलाई से 30 जुलाई 2025 तक प्रदेशभर में “नशे से दूरी है जरूरी” अभियान का व्यापक रूप से संचालन किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला अलीराजपुर में भी यह अभियान जनभागीदारी, रचनात्मकता एवं उत्साह के साथ आयोजित किया जा रहा है। आज दिनांक 17 जुलाई 2025 को जिले के समस्त थानों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र के शासकीय/अशासकीय विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा हाट-बाजार क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इस क्रम में अलीराजपुर जिला मुख्यालय स्थित ‘सर प्रताप उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय’ में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर राजेश व्यास मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय प्राचार्य द्वारा स्वागत भाषण एवं अभियान के उद्देश्यों की संक्षिप्त व्याख्या से हुई। इसके पश्चात पुलिस अधीक्षक श्री राजेश व्यास ने “नशे से दूरी है जरूरी” विषय पर विस्तार से प्रेरणास्पद उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा:”नशा एक ऐसा जहर है जो धीरे-धीरे व्यक्ति के शरीर, मन, परिवार और समाज को नष्ट करता है। युवा वर्ग को जागरूक होकर इसके खिलाफ खड़े होने की आवश्यकता है।”उन्होंने बताया कि नशा सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि संपूर्ण सामाजिक ताने-बाने की समस्या है, जिसका समाधान जन-सहयोग, संवेदनशीलता और सतत प्रयासों से ही संभव है। साथ ही बच्चों को प्रेरित किया कि वे स्वयं के साथ-साथ अपने परिवारजनों और आसपास के लोगों को नशे के खतरों से अवगत कराएं।

कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने व्यास से नशे के सामाजिक पहलुओं से जुड़े अनेक जिज्ञासापूर्ण प्रश्न पूछे। एक छात्र द्वारा यह प्रश्न किया गया कि — “अलीराजपुर में हर सामाजिक कार्यक्रम में शराब का प्रचलन होता है, इसे कैसे रोका जाए?” इस पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अलीराजपुर एक आदिवासी बाहुल्य जिला है जहां पारंपरिक कार्यक्रमों में शराब का प्रचलन सामान्य है, जिसे एक दिन में समाप्त नहीं किया जा सकता, परंतु आप जैसी युवा पीढ़ी अपने प्रयासों से यह सामाजिक बदलाव अवश्य ला सकती है। यदि हम अपने घर से शुरुआत करें, तो समाज में बदलाव की प्रक्रिया स्वतः शुरू हो जाएगी।” उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे आयोजनों में शराब पर होने वाला खर्च कई बार शिक्षा, स्वास्थ्य या आजीविका के लिए उपयोगी हो सकता है। उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे अपने माता-पिता एवं परिवारजनों को संकल्प दिलवाएँ कि किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में शराब का सेवन नहीं किया जाएगा। साथ ही, नशा तस्करी या सेवन संबंधी किसी भी सूचना को थाने या हेल्पलाइन नंबर 1933/14446 पर देने हेतु जागरूक किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितों को “नशे से दूरी है जरूरी” की शपथ दिलाई गई। साथही शपथ पश्‍चात पुलिस अधीक्षक ने बच्‍चों से अपील की कि वे इस अभियान के पुलिस मित्र बनकर अपने गांव/फलिया मे जाकर इसी प्रकार “नशे से दूरी है जरूरी” की शपथ दिलवाकर इस अभियान को ओर विस्‍तार देवे।  

भावनात्मक जुड़ाव – जब पुलिस अधीक्षक बने बच्चों के ‘रोल मॉडल’-कार्यक्रम के अंत में छात्राओं के एक समूह ने आग्रह किया कि वे पुलिस अधीक्षक सर के साथ फोटो खिंचवाना चाहती हैं। श्री व्यास ने मुस्कराते हुए तुरंत स्वीकृति दी और बच्चों के बीच जाकर सहजता से उनके साथ फोटो खिंचवाई। यह क्षण एक औपचारिक आयोजन का नहीं, बल्कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास, अपनत्व और प्रेरणा का दृश्य बन गया, जिसमें छात्राओं ने अपने आप को सुरक्षित समझा हुआ महसूस किया।

राजेश व्यास ने कार्यक्रम को लेकर कहा कि —”बच्चों का उत्साह, उनकी सहभागिता और विषय के प्रति गंभीरता यह दर्शाती है कि हम एक सभ्य, नशामुक्त और सुरक्षित समाज की ओर अग्रसर हैं।”यह अभियान केवल पुलिस का नहीं, बल्कि हर नागरिक, हर परिवार का है। जब बच्चा बोलता है – ‘नशा मत करो’ – तो समाज जरूर सुनता है।”

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