आलीराजपुर। आज दिनांक 09/07/25 को 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन के संयुक्त द्वारा 9 जुलाई को अखिल भारतीय आम हड़ताल का आव्हान किया गया हैं म.प्र. आशा,आशा- सहयोगिनी वर्कर्स युनियन की ओर से सुरेंद्र उद्यान पर प्रदर्शन कर वहां से रैली निकालकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पर नायब तहसीलदार मंजू रावत को ज्ञापन दिया।
प्रदर्शन में मध्य प्रदेश आशा, आशा- सहयोगिनी वर्कर्स की प्रदेश सचिव मीनू गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में गर्भवती महिलाओं, धात्री माता, नवजात शिशुओं के साथ-साथ आम जनता के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए दिनभर ततपर रहने वाली प्रथम पंक्ति कार्यकरता आशा एवं पर्यवेक्षक स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रमों और अभियानों में सदैव अग्रणी रहती है आशा वर्कर्स को सर्वे के लिए एरिया में अकेले ही जाना पड़ता है जो की बहुत जोखिम भरा कार्य है, हमारा कार्य स्थाई प्रकृति का है किंतु अभी तक हमें स्थाई कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया गया, 2023 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा महापंचायत में घोषणा की थी कि हर साल आशा और आशा सुपरवाइजर के मानदेय में ₹1000 की वृद्धि की जाएगी तत्पश्चात विभागीय लिखित आदेश भी जारी हुआ था लेकिन वेतन वृद्धि तो दूर हमें प्रोत्साहन राशि भी समय पर पूरी नहीं मिलती, हम आज भी न्यूनतम वेतन, पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षाओं के लाभ से वंचित हैं जबकि सरकार द्वारा हमसे सरकारी कर्मचारिओं से ज्यादा कार्य कराया जा रहा है|.हमें प्रोत्साहन राशि या मानदेय मिलता हैं वह भी बहुत कम हैं व समय पर नहीं मिलता हैँ जिसके कारण हम आशा वर्कर न सिर्फ आर्थिक तंगी बल्कि हमारी मानसिक और पारिवारिक स्थिति भी दयनीय हो चुकी है हमारे पास रोजगार होने के बावजूद भी बच्चों की पढ़ाई और पालन पोषण एक कठिन चुनौती बन चुकी है | विभाग द्वारा दिए गए सभी कार्यों को ईमानदारी और मेहनत से पूरा करते हैं जिस प्रकार जवाबदारी से हम काम करते हैं उसी प्रकार से हमारे भुगतान के लिए विभाग की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए, बजट की कमी बताकर कभी टुकड़ों टुकड़ों में व कभी लंबे समय तक हमें प्रोत्साहन राशि नहीं दी जाती है यह सारी समस्याएं इस ओर इशारा करती है कि समस्त आशा वर्कर्स के लिए सरकार का रवैया लापरवाह है|
विभिन्न ब्लॉक से आई आशा एवं सुपरवाइजर ने भी अपनी समस्याओं के बारे में बात रखी कहा आपसे इस समस्याओं को गम्भीरतापूर्वक विचार कर निराकरण करने के लिए तुरंत कार्यवाही की मांगे करते है। ज्ञापन का वाचन कट्ठीवाड़ा ब्लॉक की आशा ज्योति ने किया।प्रदर्शन का संचालन संगठन की जिला प्रभारी आशा चौहान ने किया।
प्रमुख मांगे :
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सभी आशा व आशा सुपरवाइजर को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए ।
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सभी आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतन ₹ 28000 दिया जाए।
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03. वर्ष 2023 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा महापंचायत में घोषणा की थी कि हर साल आशा और आशा सुपरवाइजर के मानदेय में रु.1000 बढ़ाया जाएगा लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ, उस घोषणा को शीघ्र से शीघ्र लागू किया जाए।
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04.आशाओं से जितने भी प्रकार के कार्य और सर्वे कराए जाते हैं जैसे आयुष्मान कार्ड, सिकल सेल एनीमिया कार्ड , कुपोषित बच्चों का सर्वे, दो बच्चों पर एलटीटी करवाना, डीपीटी बूस्टर MRI या मीजल्स, HBYC, आयरन सुक्रोज आदि सभी पर प्रोत्साहन राशि देना सुनिश्चित करें।
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एक आशा सुपरवाइजर के पास पर्यवेक्षण के लिए 12 या 14 गांव भी दिए जा रहे हैं निवेदन है कि सही ढंग से पर्यवेक्षण करने के लिए यह बहुत अधिक है इसलिए अधिक से अधिक पांच या छह गांव पर्यवेक्षण के लिए दिए जाए ताकि काम ठीक ढंग से हो सके।
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आशा कार्यकर्ताओं के कार्य स्थलों पर आवश्यक सुविधाओं जैसे विश्राम कक्ष, शौचालय, शुद्ध पेयजल उचित सुरक्षा आदि की उपलब्धता के लिए तुरंत आदेश दिए जाएं।
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07.आशा कार्यकर्ताओं को मौसम एवं कार्य की प्रकृति के अनुसार नियमित अंतराल पर रेनकोट जूते सर्दी की पोशाक छाता टॉर्च आदि दिया जाए ।
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62वर्ष पूर्ण होने पर सेवानिवृत्ति पर वृद्धावस्था में जीवन जीने के लिए 10 लाख रुपए दिए जाएं।
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आशा कार्यकर्ताओं के साथ आकस्मिक मृत्यु या दुर्घटना होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सहायता राशि एक लाख रुपए प्रदान करें।