भूपेंद्र नायक, पिटोल
दशकों से बिजली कटौती और वोल्टेज की समस्या से जूझ रही पिटोल की जनता को अब राहत मिलेगी. मध्य प्रदेश सरकार की RDSS योजना (रेवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) के तहत पिटोल में चार नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं. इनमें से एक का आज विधि-विधान से उद्घाटन कर उसे चालू कर दिया गया, जबकि शेष तीन भी जल्द ही कार्यशील हो जाएंगे.
पिटोल में बिजली के बुनियादी ढांचे का निर्माण कई दशक पहले हुआ था. उस समय की जनसंख्या और आज की बढ़ती हुई आबादी के बीच काफी अंतर आ चुका है. क्षेत्रफल की दृष्टि से भी पिटोल का विस्तार हुआ है, और मोहल्लों, कॉलोनियों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों को भी यहीं से बिजली वितरित की जाती है. इस बढ़ती मांग के कारण, पुराने ट्रांसफार्मर पर अत्यधिक भार पड़ने लगा था, जिससे आए दिन बिजली गुल हो जाती थी. इससे आम जनता को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था, क्योंकि टीवी, फ्रिज, बल्ब जैसे घरेलू उपकरण अक्सर खराब हो जाते थे. कई बार तो फॉल्ट ठीक करने में 24 घंटे से भी अधिक का समय लग जाता था, जिससे लोगों को भारी परेशानी होती थी.
कुछ वर्षों पहले, बैतूल-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट का निर्माण होने के बाद, मेघनगर से 33 केवी की हाई-वोल्टेज बिजली लाइन को पिटोल तक जोड़ा गया. 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पिटोल में एक बड़े ग्रिड का निर्माण भी किया गया है. हालांकि, पुराने ट्रांसफार्मर अभी भी लोड नहीं ले पा रहे थे.
